2017-18 में 7.2 फीसदी ही रहेगी विकास दर, IMF ने कहा नोटबंदी का असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया में 2016 के 5.3 फीसदी के मुकाबले 2017 में 5.5 फीसदी की विकास दर रहेगी।
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है साल 2017-18 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी रहेगा और 2018-19 में इसके 7.7 फीसदी तक पहुंच जाने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के परिणाम स्वरूप 'अस्थायी अवरोधों' के कारण विकास दर कम रहेगी और मौजूदा साल में इसका असर पड़ेगा।
मुद्रा कोष ने भारत के आर्थिक परिदृश्य संबंधी रपट में कहा कि हालांकि अनुकूल मानसून से इस प्रकार के अवरोधों से निकलने और आपूर्ति संबंधी बाधाओं को हल करने की दिशा में निरंतर प्रगति होने की उम्मीद है।
7.7 फीसदी रहेगी विकास दर
आईएमएफ ने कहा, 'भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 में 7.2 प्रतिशत और उसके बाद वित्त वर्ष 2018-19 में 7.7 प्रतिशत रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया में 2016 के 5.3 फीसदी के मुकाबले 2017 में 5.5 फीसदी की विकास दर रहेगी।
वहीं चीन के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 के मुकाबले साल 2017 में विकास दर कम रहेगी। रिपोर्ट में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पर रिपोर्ट में सकारात्मक उम्मीद जताते हुए कहा गया है कि वो इस साल लागू कर दिया जाएगा।
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