Indian Railway की नई तैयारी, साल 2030 तक हवा और सूरज की रौशनी से दौड़ेगी ट्रेनें
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने यात्रियों के सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए लगातार लगा हुआ है। रेलवे की कोशिश न केवल यात्रियों को आरामदायक सफर का आनंद देना है बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना है। रेलवे ने इस दिखा में तैयारी शुरू कर दी है। साल 2030 तक रेलवे खुद को ग्रीन रेलवे( Green Railway) बनाने जा रहा है। रेलवे ने साल 2030 तक रेलवे को दुनिया का पहला 100% ग्रीन रेलवे बनाने का लक्ष्य रखा है।
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रेलवे की नई पहल , 2030 तक बनेगा ग्रीन रेलवे
भारतीय रेलवे ने साल 2030 तक रेलवे को ग्रीन रेलवे बनाने की तैयारी कर ली है। रेलवे ने लक्ष्य रखा है, जिसके तहत अगले 10 सालों में रेलवे को ग्रीन रेलवे बनाया जाएगा। जिसके तहत जीरो कार्बन एमीशन का लश्र्य तय किया गया है। रेलवे ने इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया है और इसपर काम शुरु कर दिया गया है। इसके पहले तरण के तौर पर भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक सभी ब्रॉड गेज रूटों का विद्युतीकरण किया जाएगा।
हवा और सूरज की रौशनी से चलेगी ट्रेनें
रेलवे ने रेलवे स्टेशनों और अलग-अलग इमारतों की छतों रपर 100 मेगावाट क्षमता वाले सौर पैनल लगाए गए हैं। जबकि 400 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए प्लांट लगाने का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अग तक 40,000 से अधिक रूट किलोमीटर पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं 20 गीगावॉट के सोलर प्लांट के लिए 51,000 हेक्टेयर भूमि तैयार की है, जहां भेल की मदद से अब तक 1.7 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट तैयार किया जा चुका है। वहीं हवा की मदद से ट्रेन चलाने के लिए अगले दो सालों में 200 मेगावाट की क्षमता वाले विंड प्लांट लगाए जाएंगे, जहां हवा की मदद से बिजली का उत्पादन होगा।
2030 तक पूरी तरह हरित रेलवे की तैयारी
रेलवे ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में बड़ी पहल की है। अगले 10 सालों में रेलवे ने खुद को ग्रीन रेलवे में ट्रांसफॉर्म करने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए रेलवे ने इलेक्ट्रीफिकेशन, लोकोमोटिव और ट्रेनों की एनर्जी एफिसिएंसी में सुधार की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। वहीं रेलवे ने बिजली की बचत के लिए नई पहल शुरू की है। जिसके मुताबिक ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर 100 फीसदी लाइट्स जलेंगी और जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म से चली जाएंगी वहां की 50 फीसदी लाइटें अपने आप बंद हो जाएंगी। कई स्टेशनों पर इसकी शुरुआत की जा चुकी है , जिसे धीरे-धीरे देशभर के सभी स्टेशनों पर फैलाना है।
ऊर्जा संरक्षण में भारतीय रेल की अनूठी पहल: ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने पर जलेंगी 100% लाइट्स, और जाने पर 50% लाइट्स स्वतः बंद हो जाएंगी।
ऊर्जा की होगी बचत, कम होगी खपत।
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और नरसिंहपुर स्टेशन पर यह व्यवस्था शुरू की गई है। pic.twitter.com/af2caBsRp0
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 13, 2020