लॉकडाउन के बीच इन 10 बैंकों का विलय, 1 अप्रैल से बदल जाएंगे नाम, बढ़ेगा खाताधारकों का काम, जानिए कौन-कौन से बैंक शामिल
नई दिल्ली। भारत कोरोना संकट से जूझ रहे है। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या हजार के करीब पहुंचने लगी है। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। राहत पैकेट की घोषणा की गई है। लोगों को ईएमआई से राहत दी गई है। वहीं रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि बैंकों के विलय में कोई बदलवा नहीं होगा। बैंकों का विलय अपने तय समय पर ही होगा। मतलब ये कि 1 अप्रैल से बैंकों के विलय प्रभावी हो जाएगी।
कोरोना संकट के बीच SBI ने खाताधारकों को दी बड़ी राहत, 3 महीने के लिए नहीं देना होगा EMI
1 अप्रैल से बैंकों का विलय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। शनिवार को आरबीआई ने पहली अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी। आरबीआई की मंजूरी के बाद अब 1 अप्रैल से ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। इसके साथ ही सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में होगा। वहीं आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में होगा, जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा।
10 बैंकों के विलय को मंजूरी
RBI की मंजूरी के बाद अब 10 बैंकों के विलय के बाद 4 बड़े सरकारी बैंक बनाए जाएंगे। बैंकों के विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक , युनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक चार बड़े बैंक के तौर पर बनेंगे। इन चार बैंकों के साथ ही देश में सात बड़े सरकारी बैंक होंगे। आपको बता दें कि साल 2017 में जहां देश में 27 सरकारी बैंक थे, वहीं 1 अप्रैल के बाद सात बड़े सरकारी बैंक राष्ट्रीय स्तर के बैंक और पांच छोटे बैंक होंगे। विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उनके सहयोगी बैंकों का विलय किया गया था, जिसके बाद वो देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया। अब 1 अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा। इसका कारोबार 17.94 लाख करोड़ रुपए का होगा।
लॉकडाउन के बावजूद बैंकों का विलय
सरकार ने साप किया है कि बैंकों के विलय की योजना तय समय पर ही होगी। 1 अप्रैल से बैंकों के विलय की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लॉकडाउन के बावजूद उन्होंने यह बात कही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बैंकों के विलय को टालने पर कोई विचार नहीं किया है। बैंक मामलों के सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि विलय प्रक्रिया पटरी पर है। ऐसे में विलय को टालने की जरूरत नहीं है।