लॉकडाउन का असर, मार्च में औद्योगिक उत्पादन 16.7 फीसदी घटा
नई दिल्ली। इंडिया इंडस्ट्रिल प्रोडक्शन (आईआईपी) यानी भारत में औद्योगिक उत्पादन मार्च, 2020 में 16.7 फीसदी घटा है। फरवरी में आउटपुट में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि आई थी जबकि पिछले साल मार्च में आईआईपी में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। भारत के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में मार्च में रिकॉर्ड 16.7 प्रतिशत की गिरावट की वजह कोविड-19 महामारी केचलते देशभर में जारी लॉकडाउन है। लॉकडाउन के चलते देशभर में तमाम आर्थिक गतिविधियां ठप हैं।
फरवरी में फैक्ट्री उत्पादन सात महीने के ऊंचे स्तर 4.5 फीसदी पर पहुंच गया था। इसके बाद मार्च में सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया। मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट में 20.6 फीसदी की गिरावट आई। बिजली उत्पादन 6.8 फीसदी घटा।
देश के आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में फरवरी में 11 महीने के उच्चतम रिकॉर्ड को छूने के बाद मार्च में रिकॉर्ड 6.5 प्रतिशत तक की कमी आ गई। अर्थव्यवस्था के 8 बुनियादी उद्योगों, जिनमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और बिजली आते हैं, का उत्पादन मार्च में 6.47 फीसदी घटा।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि बेरोजगारी की दर 3 मई तक चौंका देने वाली रही जो 27.1 प्रतिशत तक बढ़ गई। जबकि अप्रैल में लगभग 12.15 करोड़ लोगों ने नौकरी गंवा दी।
सरकार ने किया है राहत पैकेज का ऐलान
पीएम मोदी ने मंगलवार शाम अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए कहा, ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब 10 प्रतिशत है इसके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।
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