रियल्टी उद्योग के लिए निराशा के बीच आशा भरा रहा 2014
नई
दिल्ली।
हाल
के
कुछ
वर्षो
में
निराशा
से
गुजर
रहे
रियल्टी
उद्योग
में
नरेंद्र
मोदी
के
नेतृत्व
में
स्थिर
सरकार
बनने
और
सुधार
की
उम्मीद
जगने
से
आशा
का
संचार
हुआ
है।
उच्च
ब्याज
दर
तथा
तरलता
की
कमी
जैसे
कारणों
से
मांग
और
बिक्री
में
दर्ज
की
जा
रही
कमी
से
रियल्टी
उद्योग
कुंभला
रहा
था।
लेकिन
उद्योग
अनुकूल
बजट,
कई
सुधारात्मक
नीतियों
से
रियल्टी
उद्योग
में
एक
मजबूती
आई।
वाणिज्यिक दृष्टि से रियल एस्टेट उद्योग के लिए भी यह साल अधिक आशाजनक नहीं रहा, लेकिन 2013 के मुकाबले कार्यालयों की बिक्री अपेक्षाकृत अधिक रही। वैश्विक रियल्टी शोध कंपनी सीबीआरई के मुताबिक साल के प्रथम पांच महीने में किराया कारोबार में 2.3 करोड़ वर्ग फुट का हो गया। एक अन्य कंपनी कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक अगले एक साल में इसमें 20-25 फीसदी वृद्धि होगी।
रिटेल की दृष्टि से यह अधिक उत्सावर्धक वर्ष नहीं रहा, क्योंकि ऑनलाइन रिटेल ने पारंपरिक स्टोर रूम आधार रिटेल कारोबार को कड़ी चुनौती दी। हालांकि अगले वर्ष रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी) के शुरू होने की उम्मीद के बीच कार्यालयों और मॉल के विकास में तेजी आने की उम्मीद है।
इस साल प्रस्तुत नई सरकार के बजट में निवेश के माहौल में सुधार के सरकार के स्पष्ट इरादे की झलक मिली। इसे कई सालों का सर्वोत्तम बजट माना गया।
रियल्टी उद्योग नकदी की समस्या से जूझ रहा था। सरकार ने उद्योग में पूंजी प्रवाह बनाने के लिए विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाया। राष्ट्रीय आवास बैंक में सरकार ने 4,000 रुपये आवंटित किए और कमजोर तबकों के लिए मकान तथा झुग्गी पुनर्विकास को कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के दायरे में लाकर सस्ते मकानों के निर्माण में तेजी लाने की कोशिश की।
सरकार ने रियल्टी क्षेत्र में विदेशी निवेश को सरल बनाने के साथ 2022 तक सबको आवास और 100 स्मार्ट शहर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना भी पेश की। 2022 तक सबको आवास योजना के लिए कुल 1,32,000 अरब रुपये निवेश की जरूरत होगी। इसमें से अधिकांश की जरूरत सस्ते आवास के लिए होगा।
इस साल के बजट में सरकार ने जहां आवास ऋण ब्याज छूट सीमा बढ़ाई, वहीं आय कर छूट सीमा भी 50 हजार रुपये बढ़ा दी। इससे बाजार में तरलता बढ़ी है, जिसका सकारात्मक असर रियल्टी उद्योग पर पड़ा है।
अगले वर्ष में उद्योग को भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की उम्मीद है।
उद्योग को परियोजनाओं की तेज मंजूरी, पर्यावरणीय बाधाओं के हटाए जाने, कुशल श्रम शक्ति को बढ़ावा देने, कर सुधार, नई प्रौद्योगिकी और निर्माण सामग्रियों को बढ़ावा दिए जाने और रियल एस्टेट नियमनों से रियल एस्टेट सौदों में पारदर्शिता बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
वर्ष 2014 के प्रमुख घटनाक्रम बिंदुवार इस प्रकार हैं :
- रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट लांच
- रियल एस्टेट में विदेशी पूंजी के नियमों में ढील
- 100 स्मार्ट शहरों के विकास का नीतिगत निर्णय और बजट में कोष आवंटित
- 2022 तक सबको आवास के लक्ष्य की घोषणा
- आवास ऋण ब्याज छूट सीमा 50 हजार रुपये बढ़ी
- जापानी रियल एस्टेट कंपनी तामा होम्स का देश में प्रवेश
- पहली बार एक वैश्विक पेंशन कोष ने भारतीय रियल एस्टेट कंपनी में निवेश किया
- रियल एस्टेट नियमन विधेयक आगे के लिए टला
- नई परियोजनाओं और निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए मांग कम
- तैयार परियोजनाओं की मांग अधिक
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।