कोरोना वायरस के रूप में 'एक्ट ऑफ गॉड' का सामना कर रही देश की अर्थव्यवस्था: निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महामारी को 'एक्ट ऑफ गॉड' बताया। वित्त मंत्री ने 41वें जीएसटी काउंसिल बैठक के दौरान देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभावों की चर्चा करते हुए यह बयान दिया है। उन्होंने कहा, हम वर्तमान समय में असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं। कोरोना वायरस का कहर देश की अर्थव्यवस्था पर एक असाधारण 'एक्ट ऑफ गॉड' के रूप में टूट पड़ा है। इस महामारी की वजह से इस साल आर्थिक वृद्धि दर सिकुड़ सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान चालू वित्त वर्ष में राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के दो विकल्पों पर चर्चा हुई। राज्यों ने विकल्पों के बारे में सोचने के लिए 7 दिन का समय मांगा था। अप्रैल-जुलाई 2020 के दौरान कुल जीएसटी मुआवजा 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा, क्योंकि अप्रैल और मई में जीएसटी संग्रह नहीं हो पाया था। जीएसटी काउंसिल व्यवस्था पर सहमत हो जाती है तो हम बकाया राशि को तेजी से निपटा सकते हैं और आगे के वित्तीय वर्ष का भी ध्यान रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये विकल्प केवल इस वर्ष के लिए उपलब्ध होंगे। वित्तमंत्री ने ये भी कहा है कि जल्दी ही एक और बैठक की जा सकती है।
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बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने राज्यों के जीएसटी मुआवजे को लेकर कहा है कि कोरोना महामारी के चलते जीएसटी कलेक्शन इस साल काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है। जीएसटी कंपेनशेसन कानून के मुताबिक राज्यों को क्षतिपूर्ति दिए जाने की जरूरत है। पांडेय ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। इनमें से केवल 97 हजार करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से हुई। शेष नुकसान महामारी की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि जुलाई, 2017 से जून, 2022 के ट्रांजिशन पीरियड के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाना है।