इनकम टैक्स के इस नियम में बदलाव कर सकती है सरकार, पड़ेगा बड़ा असर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार इनकम टैक्स के नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में बदलाव कर सकती है। इसको लेकर सरकार मंथन कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के बदले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में स्टॉक होल्डर्स के टैक्स चुकाने का नया नियम लागू पर विचार किया जा रहा है।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स से जुड़ा बदलाव हो सकता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे निवेशकों को फायदा हो सकता है और निवेश भी बढ़ने की संभावना है। इसलिए सरकार इस दिशा में काम कर रही है। माना जा रहा है कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स की वजह से 60 हजार करोड़ रु हर साल सरकारी खजाने में आते हैं। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार इस प्रस्ताव को लेकर आ सकती है। मौजूदा वक्त में ये टैक्स कंपनियों को चुकाना होता है। लेकिन इसमें बदलाव के बाद टैक्स शेयरधारकों को चुकाना पड़ सकता है। हालांकि, सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।
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कंपनियां देती रही हैं टैक्स
कंपनियों पर भारत सरकार की तरफ से ये टैक्स लगाया जाता है। किसी वित्त वर्ष में घरेलू कंपनी से मिले 10 लाख रु तक के डिविडेंड पर टैक्स से छूट मिलती है। यानी इंवेस्टर को इसपर टैक्स नहीं देना होता है। दरअसल, अपने शेयरधारकों को डिविडेंट देने से पहले भारतीय कंपनियों को 15 फीसदी डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है।
नियम बदला तो शेयरधारक को देना पड़ सकता है टैक्स
किसी भी कंपनी को अपने शेयरधारक को दिए गए डिविडेंड पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है। वहीं, विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड इंवेस्टर के लिए टैक्सेबल होता है। इसे 'अन्य स्रोतों से आय' के तहत लिया जाता है। इस पर लागू दरों के हिसाब से टैक्स की वसूली की जाती है। म्यूचुअल फंड से मिला डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्स फ्री होता है। लेकिन उन्हें डेट फंडों के लिए 25 फीसदी की दर से डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है।