चीन में आर्थिक मंदी की बड़ी आहट, IMF ने एशिया की संभावित विकास दर को किया कम
जिस तरह से दुनियाभर में मंदी की आहट नजर आ रही है उसको देखते हुए हर किसी के भीतर चिंता बनी हुई है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने शुक्रवार को एशिया की आर्थिक विकास दर सुस्त रहने की संभावना जताई है। चीन की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट, यूक्रेन युद्ध और वैश्विक संकट के बीच आईएमएफ ने एशिया की आर्थिक विकास दर में कटौती की है। एशिया में महंगाई दर की बात करें तो अन्य क्षेत्रों की तुलना में यह बेहतर है। आईएमएफ की ओर से कहा गया है कि अधिकतर देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है ताकि महंगाई दर को नियंत्रित रखा जा सके।
आईएमएफ ने एशिया की संभावित विकास दर को कम करते हुए इसे 2022 में 4 फीसदी कर दिया है। 2021 में एशिया की विकास दर 6.5 फीसदी थी जोकि 2022 में 4 फीसदी रह सकती है जबकि 2023 में यह 4.3 फीसदी रहने की संभावना है। इस साल की शुरुआत में एशिया ने काफी मजबूत रिकवरी की थी, लेकिन अब वह रफ्तार कम होती दिख रही है। दूसरी तिमाही में विकास की रफ्तार अपेक्षाकृत कम रही है। आईएमएफ की एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कृष्ण श्रीनिवासन ने कहा महामारी का असर अब कम हो रहा है, लेकिन नए वैश्विक हालात के चलते बाहरी मांग में गिरावट देखने को मिलेगी, जिसका असर अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर देखने को मिलेगा।
कोरोना लॉकडाउन के चलते चीन में जिस तरह से बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है, उसका असर स्पष्ट नजर आ रहा है। चीन में सख्त लाकडाउन ने अहम भूमिका निभाई है, जिसकी वजह से हालात और भी बदतर हुए हैं। उत्पादन करने वालों पर जिस तरह से कर्ज बढ़ा और पिछले सालों में वह डिफाल्ट हुए, उसकी वजह से मार्केट फाइनेंसिंग की स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। आईएमएफ ने संभावना जाहिर की है कि चीन की विकास दर इस साल 3.2 फीसदी रह सकती है जोकि पिछले साल 8.1 फीसदी थी। अगले साल यह 4.4 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी जबकि 2024 में यह 4.5 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी।