कोरोना के रोकथाम को लेकर भारत के प्रयासों की आईएमएफ ने की तारीफ
नई दिल्ली। आईएमएफ प्रमुख गीता गोपीनाथ ने बुधवार को भारत द्वारा कोरोनो वायरस के रोकथाम के लिए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि, हमें उम्मीद है कि सरकार इस तरह के प्रयास और बड़े पैमाने पर करेगी। सीएनबीसी-टीवी 18 को दिए इंटरव्यू में गीता ने कहा कि, भारत सरकार ने चीजों को बहुत अच्छी तरह से प्राथमिकता दी है। सरकार की पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य है, जिसके तहत कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि, भारत सरकार ने भी कमजोर वर्गों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की है। मैं आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की सराहना करती हूं कि उसने तरलता के उपाय किए हैं। गोपीनाथन ने आगे कहा कि अब तो इस बात का भी डर है कि इस महामारी से निपटने के बाद दुनिया के देश अधिक आत्मकेंद्रित और अपने में संकुचित हो जाएंगे। इस संकट से निपटने के क्रम में दुनिया में संरक्षणवाद की भावना बढ़ेगी। लेकिन हमें वैश्वीकरण से अपने कदम पीछे नहीं खींचने चाहिए।
आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि, हमें इस संकट से उबरने के लिए सामूहिक प्रयास और आपसी सहयोग की जरूरत है। ऐसे में संरक्षणवाद और डी-ग्लोबलाइजेशन बढ़ने से रिकवरी के इस प्रयास को धक्का लगेगा। गोपीनाथ ने कहा कि ये महामारी कब तक बनी रहेगी इस पर कुछ कहना मुमकिन नहीं है। ये एक अभूतपूर्व संकट है, इसलिए हम इसके थमने का अंदाजा लगाने के लिए किसी ऐतिहासिक आंकड़े का इस्तेमाल करने की स्थिति में भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना का ये कहर एक बड़ा और अगल तरह का संकट है जिससे निपटने के लिए हमें बड़े वित्तीय और मौद्रिक राहत उपाय करने होंगे। पूरी दुनिया में चल रहे लॉकडाउन की वजह से बहुत सी कंपनियों को उन कलपुर्जों की सप्लाई नहीं हो पा रही है जिससे वे अपना प्रोडक्ट बना सकें, इससे पूरा सप्लाई चेन ही बिगड़ गया है। गोपीनाथ ने कहा कि यदि इस वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान चल रही महामारी को शामिल नहीं किया गया तो दुनिया 6% संकुचन देख सकती है।
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