WhatsApp पर अगर टेक्स्ट मैसेज दिखे लाल तो जानें क्या है इसका मतलब
नई दिल्ली। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों की वजह से देश में कई हिस्सों में लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हुए हैं। व्हाट्सएप के जरिए लोगों तक फर्जी संदेश पहुंचा और उस संदेश ने अफवाह का रूप ले लिया। इन फर्जी संदेशों की बढ़ती घटनाओं की ध्यान में रखते हुए फेसबुक की स्वामित्व वाली मैसेंजिंग एप व्हाट्सएप ने इससे निपटने की तैयारी कर ली है। व्हाट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए देशभर के अखबारों में विज्ञापन भी जारी किया और लोगों को ऐसे टिप्स से अवगत करवाया, जिसकी मदद से लोग फेक खबरों को पहचान सके। व्हाट्सएप ने ऐसी खबरों से निपटने के लिए नया फीचर भी लॉन्च किया है, जिसकी मदद से लोग फेक मैसेज से बच सकते हैं। इस फीचर को 'सस्पीशियर लिंक डिटेक्शन' का नाम दिया गया है, जिसकी बीटा वर्जन अभी उपलब्ध है।
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व्हाट्सएप का नया फीचर
फर्जी संदेशों से निपटने के लिए व्हाट्सएप ने नई पहल शुरू की है। 'सस्पीशियर लिंक डिटेक्शन' फीचर की टेस्टिंग की जा रही है और जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। कंपनी ने इसका बीटा वर्जन पेश किया है। व्हाट्सएप के 2.18.204 बीटा वर्जन फिलहाल उपलब्ध है। इस फीचर की मदद से जब भी कोई यूजर थर्ड पार्टी की वेबसाइट से लिंक लेकर व्हाट्सएप के प्लेटफॉर्म पर शेयर करेगा तो व्हाट्सएप वेबसाइट की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए उसकी पृष्ठभूमि की जांच करेगा। अगर उसे उस लिंक में कुछ भी संदिग्ध लगा तो वो यूजर्स को इसकी चेतावनी देगा।
व्हाट्सएप में लाल रंग मैसेज का क्या है मतलब
अगर जांच में व्हाट्सएप को वो वेबसाइट संदिग्ध लगा तो वो उस संदेश को लाल लेबल से मार्क कर देगा। इस लाल रंग के मार्क का मतलब होगा कि वह संदेश या तो स्पैम है या फिर नकली वेबसाइट से लिया गया, जिसे वो उस नक ली वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करेगा। चेतावनी के बाद भी अगर यूजर्स उस लिंक को खोलता है तो व्हाट्सएप उसे आखिरी चेतावनी देगा। कंपनी यूजर्स को संदेश देगा कि कंटेंट संदिग्ध है।
फेक न्यूज को रोकने से जूझ रहा है व्हाट्सएप
सोशल मैसेंजिंग साइट व्हाट्सएप फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाली खबरों को रोकने में असफल हो रहा है। कंपनी ने ऐलान किया है कि इसे रोकने के लिए रिसर्च करने वालों को 34 लाख रुपए का पुरस्कार देगी। कंपनी ने कहा है कि रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट के लिए ग्लोबल अवॉर्ड का ऐलान किया है। इस ऐलान के जरिए कंपनी का मकसद ये जानना है कि आखिर कैसे गलत जानकारी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए फैलाया जाता है। जिसके बाद कंपनी उससे निपटने का तरीका तलाश लेगी। गौरतलब है कि व्हाट्सऐप के भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। इस प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों के चलते कई निर्दोष लोगों की हत्या की जा चुकी है। पिछले दो हफ्ते में व्हाट्सएप पर फैली एक अफवाह के चलते 30 लोगों की जान चली गई।
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