कोरोना की दूसरी लहर आई तो निगेटिव जोन में जा सकती है भारत की जीडीपी: OECD
नई दिल्ली। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने भारत में लॉकडाउन के प्रभावों पर चिंता जाहिर करते हुए देश के जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट की आशंका जताई है। ओईसीडी बुधवार को कहा, मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट गिर कर -3.7 फीसदी हो सकती है, वहीं अगर भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आती है तो यह -7.3 फीसदी तक भी पहुंच सकती है। दरअसल, ओईसीडी ने एक रिलीज किए गए अपने ग्लोबल आउटलुक में कई देशों में कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।
बता दें कि इससे पहले ओईसीडी ने मार्च में भारत की जीडीपी 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा 8.2 प्रतिशत और 8.9 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है, जो कर राजस्व में कमी का संकेत देता है। कोरोना वायरस के प्रभाव से भारत की आर्थिक गतिविधियों में बाधा आई है जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। हालांकि ओईसीडी ने अगले वित्त वर्ष में भारत का ग्रोथ रेट बढ़कर 7.9 फीसदी पर की भी संभावना जताई है। हालांकि पहले के अनुमानित 8.1 फीसदी के ग्रोथ रेट से यह कम ही है।
OECD ने अपने इकोनॉमिक आउटलुक में कहा, इस मामले में, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में 7.3% (भारत में) गिरने का अनुमान है। अगर भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आती है तो आंतरिक प्रवास पर नए प्रतिबंधों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में गड़बड़ी से गतिविधि और आय पर गंभीर परिणाम होंगे जबकि बाहरी मांग फिर से लड़खड़ा जाएगी। OECD की रिपोर्ट में वित्तीय बाजार पर चिंता जताते हुए कहा गया है कि सरकारों, कॉरपोरेट कंपनियों और बैंकों की माली हालत ठीक नहीं हैं। इसका प्रवाभ निवेश और ग्रोथ पर पडे़गा।
यह भी पढ़ें: सोमवार से देश में खुलेंगे धर्मिक स्थल, मॉल और रेस्तरां, भारतीय अर्थव्यवस्था के हैं ये अभिन्न अंग