पैदल चलने वाले को ये बैंक दे रहा है 21% ब्याज, जानिए ऑफर के बारे में विस्तार से
नई दिल्ली। आम तौर पर आपको बैंक में आपकी सेविंग पर 8 से 9 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है, लेकिन एक बैंक ऐसा भी है जो अपने कस्टमर्स को उनकी सेविंग पर 21 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है। हैरान होने की जरूरत नहीं। खबर बिल्कुल सच्ची है। यूक्रेन की मोनो बैंक अपने ग्राहकों को 21 प्रतिशत के हिसाब ब्याज देती है। हालांकि इसके लिए आपको रोजाना 10000 कदम पैदल चलना होगा।
10000 कदम पैदल चलने वालों को ज्यादा ब्याज
यूक्रेन में वहां के मोनो बैंक ने लोगों में पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ये पहल शुरू की। बैंक ने पैदल चलनेवालों को बढ़ावा देने के लिए अपने बैंक ने पैदल चलने वालों को ज्यादा ब्याज देने की घोषणा की। हालांकि इसके लिए यह शर्त रखी गई कि आपको कम से कम 10000 कदम पैदल चलना होगा। अगर कोई बैंक की शर्त के साथ धोखा करते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी ब्याज दरों में कटौती कर दी जाती है।
पैदल चलने वालों को बैंक का तोहफा
इस बैंक की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। 3 साल में बैंक के साथ 5 लाख जुड़ गए। बैंक ने लोगों में पैदल चलने को बढ़ावा देने के लिए ऑफर निकाला। ज्यादा ब्याज वाले बैंक खातों को स्पोर्ट्स डिपॉजिट अकाउंट नाम दिया गया। इस अकाउंट में पैसा रखने वालों को 21 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाएगा। इस स्पोर्ट्स अकाउंट खोलने वाले खाताधारकों को अपने मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड करना होगा। इस ऐप के जरिए यूजर्स को रोजाना अपने फिजिकल एक्टीविटी की जानकारी बैंक को भेजनी होगी। इसी ऐप के जरिए बैंक यूजर्स के शारीरिक गतिविधियों की निगरानी रखता है। इसका डेटा बैंक के पास होता है। जो यूजर्स बैंक के मापदंड पर खड़ा उतरता है उसे बैंक बचत खाते में 21 प्रतिशत ब्याज के रूप में राशि प्रदान करता है।
लोगों ने स्वीकार की चुनौती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई लगातार तीन दिन तक 10,000 कदम से कम पैदल चलता है तो उसे मात्र 11 प्रतिशत ब्याज मिलता है। लोगों ने बैंक के इस ऑफर को चुनौती के तौर पर ली। वर्तमान में 50 प्रतिशत ग्राहकों को 21 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रही है। अगर कोई ग्राहक बैंक के साथ धोखा करता है तो बैंक उस ग्राहक के ब्याज दर में कटौती कर देता है। मोनो बैंक के तीन सीईओ डिमा डुबिलेट, मिशा रोगाल्सकी और ओलेग गोरोखोवस्की ने पैदल चलाने का आइडिया दिया। ब्रिटेन की तरह यूक्रेन में भी मोटापे की बीमारी बढ़ रही है। इसे कम करना भी इस योजना का एक मकसद है।