Happiest Minds IPO: 77 साल की उम्र में अशोक सूता ने दूसरी बार किया कमाल, सुपरहिट हुआ ‘हैपीएस्ट माइंड' IPO
नई दिल्ली। शेयर मार्केट में इन दिनों हैपीएस्ट माइंड आईपीओ के चर्चे हो रहे हैं। Happiest Minds IPO को रिटेल निवेशकों से जबरदस्त रिस्पांस मिला है। आईटी कंपनी हैपीएस्ट माइंड के 700 करोड़ के आईपीओ (IPO) को 151 गुना सब्सक्राइब किया गया है। जबकि कंपनी ने सिर्फ 2.33 करोड़ शेयर ऑफर किए गए थे। लोगों ने इस आईपीओ को लोगों ने जबरदस्त रिस्पांस दिया है। इसके पीछे कंपनी के फाउंडर 77 साल के अशोक सूता का हाथ है। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब अशोक सूता ने ये कारनामा किया है। इससे पहले भी उन्होंने अपनी कंपनी माइंडट्री के आईपीओ के जरिए ये कारनामा कर दिखाया था। आइए जानें कौन हैं अशोक सूता जिनपर निवेशकों ने इतना भरोसा दिखाया।
Happiest Minds IPO: सुपरहिट हुआ हैपीएस्ट माइंड्स का IPO, ऐसे चेक करें अपने शेयर का अलॉटमेंट
जानिए कौन हैं हैपीएस्ट माइंड के फाउंडर अशोक सूता
हैपीएस्ट माइंड के फाउंडर अशोक सूता 77 साल के हैं, लेकिन उनकी एनर्जी बड़े-बड़ों को पछाड़ दे। हैपीएस्ट माइंड के आईपीओ के जरिए जो कमाल अशोक सूता ने अभी किया है , वैसा ही वो 13 साल पहले भी कर चुके हैं। जब 1999 में उन्होंने अपनी पहली कंपनी माइंडट्री ( Mindtree) बनाई तो वहीं 2007 में उन्होंने माइंडट्री के आईपीओ को पेश किया था। माइंडट्री के आईपीओ की 103 गुना ज्यादा बोलियां मिली थीं।
2011 में शुरू की हैपीएस्ट माइंड
माइंडट्री
के
फाउंडर्स
के
बीच
विवादों
के
बाद
अशोक
सूता(
Ashok
Soota)
ने
खुद
को
इस
कंपनी
से
अलग
कर
लिया
और
साल
2011
में
10
लोगों
के
साथ
हैपीएस्ट
माइंड
कंपनी
की
शुरुआत
की।
अशोक
सूचा
ने
आईआईटी
रुड़की
से
इंजीनियरिंग
की।
बाद
में
दो
तीन
बड़ी
कंपनियों
में
प्रमुख
की
भूमिका
निभाई।
बाद
में
उन्होंने
अपना
स्टार्टअप
शुरू
किया
और
आज
उनकी
कंपनी
दिग्गज
कंपनियों
के
बीच
खड़ी
है।
हैपीएस्ट
माइंड
97
फीसदी
कारोबार
डिजिटल
इंडस्ट्री
में
है।
लॉकडाउन
के
दौरान
भी
उनके
रेवेन्यू
पर
बहुत
असर
नहीं
पड़ा,
क्योंकि
उनके
आधे
से
ज्यादा
रेवेन्यू
एजुकेशन
टेक्नोलॉजी
और
हाईटेक
सेक्टर
से
जुड़ा
है।
ऐसे
में
लॉकडाउन
का
उनके
कारोबार
पर
बहुत
असर
नहीं
पड़ा।
कंपनी
ते
कारोबार
की
बात
करें
तो
हैपीएस्ट
माइंड
का
कारोबार
तीन
सालों
में
21
फीसदी
बढ़ा
है।
वित्तीय
वर्ष
2020
में
इस
कंपनी
का
शुद्ध
लाभ
71
करोड़
रुपए
हैं,
जो
वित्त
वर्ष
2019
में
14.2
करोड़
रुपए
था।
कारोबार में तेजी
हैपीएस्ट माइंड के कारोबार पर नजर डाले तो इसमें तेजी आ रही है। महज 13 सालों में अशोत सुता ने इस कंपनी को दिग्गज आईटी कंपनियों के कतार में लाकर खड़ा कर दिया। मुनाफे की बात करें तो साल 2020 में कंपनी की बिक्री 714 करोड़ रुपए की थी, जो साल 2019 में 601 करोड़ रुपये थी। साल 2020 में हैपीएस्ट माइंड को 71 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ तो 2019 में यह 14.2 करोड़ रुपए था।