कोरोना संकट के बीच बड़े कर्ज का बोझ, सरकार विश्व बैंक से लेगी 4.88 ट्रिलयन उधार
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव (डीईए) अतनु चक्रवर्ती ने मंगलवार को कहा कि सरकार एक वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में 4.88 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। यह राशि 1 अप्रैल, 2020 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में संसाधनों की कमी को रोकने और उससे होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए उधार ली जाएगी। अतनु चक्रवर्ती ने बताया कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में 2020-21 के लिए नए वित्तीय वर्ष में सकल उधार राशि 7.8 लाख करोड़ रुपये आंकी है, जो चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 7.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
चक्रवर्ती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'वित्तीय वर्ष 2021 की पहली छमाही में 62.26% की तुलना में 7.8 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी में से 62.56% उधार लेने का प्रस्ताव है।' डीईए सचिव ने यह भी कहा कि सरकार ने डेट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से उधारी को रोल आउट करने का प्रस्ताव दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक उधार लेना साप्ताहिक किश्तों में 19,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये तक होगा। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएमए सीमा 1.2 ट्रिलियन रुपये की जरूरत के आधार पर समीक्षा की जाएगी।
Borrowing plan has been drawn up keeping in view the anticipated demand because of the Fully Accessible Route being opened for non-residents investors: Atanu Chakraborty, Secretary, Department of Economic Affairs https://t.co/gfdI1XHDFQ
— ANI (@ANI) March 31, 2020
उधार की योजना पर आगे बोलते हुए अतनु चक्रवर्ती ने कहा, गैर-निवासी निवेशकों के लिए पूरी तरह से सुलभ मार्ग के खुलने के कारण 'प्रत्याशित मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था।' उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया था कि कुछ विशिष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियों को फंड देने के लिए इक्विटी के लिए लगभग 22,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो इसे कई गुना बढ़ाएंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को बहुत-बहुत लंबे समय तक वित्त प्रदान करेंगे। चक्रवर्ती ने कहा कि अर्थव्यवस्था में वृद्धि आवेगों को बढ़ावा देना चाहिए।
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