अब घर में रखे सोने पर भी सरकार की नजर, इस योजना में हो सकता है बदलाव
नई दिल्ली। अभी तक घर में पड़े सोने पर ना तो कई रिटर्न मिलता है और ना ही इससे अर्थव्यवस्था में कोई सुधार होता है। लेकिन अब सरकार एक योजना में बदलाव करने जा रही है, जिससे आपको सोने पर भी रिटर्न मिल सकता है। यूं तो सरकार की तरफ से पहले से ही 'गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम' के तहत घर में पड़े सोने पर रिटर्न दिया जाता है लेकिन लोग इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते।
ज्वेलरी इंडस्ट्री से सुझाव मांगे
यही वजह है कि सरकार अब इस योजना में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस योजना में बदलाव के लिए ज्वेलरी इंडस्ट्री से सुझाव मांगे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि लोगों के घरों में सोना निष्क्रिय पड़ा है, ना तो उसका कोई रिटर्न मिलता है और ना ही अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।'
सोने को बैंकों में जमा करवाना
उन्होंने कहा कि ऐसी योजना बनाने में मदद करें, जिससे इस योजना के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़े। ताकि लोग घरों में पड़े सोने को बैंकों में जमा करवाएं। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों के घरों में पड़े सोने को बैंकों में जमा करवाकर उसपर आय प्राप्त करना होना चाहिए। गोयल के अनुसार इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ रहे बोझ को कम किया जा सकता है।
2015 में हुई थी 'गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम' की शुरुआत
बता दें सरकार ने साल 2015 में 'गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम' की शुरुआत की थी। इस योजना को कम रिटर्न और सुरक्षा चिंता के कारण अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। इसपर 2.25 से 2.50 फीसदी तक ब्याज मिलता है। योजना के तहत बैंक एक निश्चित अवधि के लिए ग्राहकों को सोना जमा करने की अनुमति देता है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को लाभ प्राप्त कराना है। भारत की वार्षिक सोने की मांग 800-1000 टन है और इसका अधिकांश भाग आयात किया जाता है। ऐसा अनुमान है कि घरों में लगभग 20,000 टन सोना बेकार पड़ा हुआ है।
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