आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ा झटका, 2017-18 में GDP घटकर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। वित्तीय साल 2017-18 के लिए जारी पहले सरकारी अनुमान में भारत की GDP घटकर 6.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया गया है। अगले पिछले वित्तीय वर्ष से इसकी तुलना करें तो 2016-17 में भारत की GDP की दर 7.1 प्रतिशत थी। सरकार की तरफ से यह वित्तीय अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को जारी किए हैं।
RBI ने भी घटाई दर
बता दें कि 2017-18 वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर अपने सबसे निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर चली गई थी। विपक्ष ने तब इसे नोटबंदी और जीएसटी का असर बताया था। जबकि दूसरे तिमाही में अर्थव्यवस्था में थोड़ा सुधार देखने को मिला और जीडीपी दर 6.3 फीसदी दर्ज की गई। इससे पहले आरबीआई ने भी जीडीपी दर के अनुमान को घटाकर 6.7 पर कर दिया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस वर्ष जीडीपी दर को 7 फीसदी से ऊपर जाना ताफी मुश्किल होगा।
स्वामी ने लगाया था आरोप, सरकार के दवाब में बदले गए GDP आंकड़े
बता दें कि अभी हाल ही में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मोदी सरकार के दबाव में जीडीपी के गलत आंकड़े पेश किए थे। स्वामी ने चार्टेड अकाउंटेंट के सभा में कहा था, 'आप जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर ना जाए, वो सब बकवास है, मैं आपका बता रहा हूं क्योंकि मेरे पिता ने सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑर्गेनाइजेशन को बनाया था। मैं सीएसओ केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा के साथ गया था, सीएसओ के एक व्यक्ति ने कहा कि नोटबंदी के बाद उनपर बेहतर नंबर देने का दबाव था, इसलिए उन लोगों ने जीडीपी का ऐसा आंकड़ा दिया जिससे कि लगे कि देश की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
फिर भी दुनिया को भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा
बता दें कि सरकार ने भले ही अगले वित्त वर्ष में जीडीपी दर के कम रहने का अनुमान लगाया हो लेकिन दुनिया को भारत की अर्थव्यवस्था पर अभी भी पूरी तरह भरोसा है। एक दिन पहले ही दुनिया की जानी मानी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी, फिच ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि अगले 5 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे ज्यादा विकास दर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी। फिच ने बताया कि अगले 5 साल में जहां चीन की जीडीपी दर घटकर 5.5 रह जाएगी वहीं भारत 6.7 की दर से विकास करेगा।