Google पर लगा साढ़े तीन खरब का जुर्माना, सुंदर पिचाई ने बताया सरासर गलत
ब्रसेल्स। बुधवार को एक खबर ने पूरे विश्व में खलबली मचा दी क्योंकि यूरोपियन यूनियन ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च ईंजन गूगल पर साढ़े तीन खरब का जुर्माना लगा दिया है। गूगल पर ये जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि उस पर आरोप लगा है कि वो अपने गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन को अपने ऐप्स की पहुंच बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। जिसके बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने जुर्माने लगाए जाने की आलोचना करते हुए एक ब्लॉग लिखा है, जिसकी टाईटिल है कि Android has created more choice, not less (एंड्रॉयड ने ज्यादा ऑप्शन दिए हैं, कम नहीं)।
गूगल पर 4.3 बिलियन यूरो (साढ़े तीन खरब) का जुर्माना...
पिचाई ने लिखा है कि यूरोपियन यूनियन इस बात को कैसे इग्नोर कर सकता है कि गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ऐपल के iOS ऑपरेटिंग सिस्टम को सीधे टक्कर देता है। यूनियन ने एंड्रॉयड के बिजनेस मॉडल के खिलाफ फैसला दिया है, आज एंड्रॉयड की वजह से हर कीमत पर 1,300 अलग अलग कंपनियों से 24,000 से ज्यादा डिवाइस उपलब्ध हैं।
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पिचाई ने दी सफाई
पिचाई ने साफ शब्दों में लिखा है कि एक आम एंड्रॉयड फोन यूजर खुद से 50 ऐप्स इंस्टॉल करता है, जो फोन होता है उसमें केवल फोन की कपंनी के ही ऐप्स नहीं होते हैं बल्कि कुछ डेवलेपर्स के भी ऐप्स होते हैं।
94 बहिलियन ऐप्स गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए गए ....
एक आंकड़े के मुताबिक साल 2017 में दुनिया भर में लगभग 94 बहिलियन ऐप्स गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए गए हैं, जिसमें ओपेरा मिनी और फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर्स भी हैं जिनमें 100 मिलियन बार से ज्यादा डाउनलोड किया गया है, जबकि यूसी ब्राउजर 500 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड हुआ है। एक नार्मल यूजर्स खुद से कई ऐप्स डाउनलोड करता है, जिससे साबित होता है कि एंड्रॉयड ने ज्यादा ऑप्शन दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
यूरोपीय संघ (ईयू) के कंपीटिशन कमिशन ने एंड्रॉयड एंटी ट्रस्ट मामले में गूगल पर 4.3 बिलियन यूरो (साढ़े तीन खरब) का जुर्माना ठोका है। ईयू कमीशन ने अपनी जांच में पाया कि गूगल ने अवैध रूप से एंड्रॉयड स्मार्टफोन कंपनियों और मोबाइल ओपरेटर्स पर प्रतिबंध लगाकर, अपने सर्च इंजन को मजबूत करने का काम किया है और इसी वजह से गूगल की पेरेंट कंपनी ऐल्फाबेट को अपनी बिजनेस प्रैक्टिस बदलने को लेकर 90 दिनों का वक्त दिया गया है लेकिन अगर ऐसा करने में कंपनी फेल होती है तो रोजाना के टर्नओवर का 5 फीसदी हिस्सा जुर्माना के तौर पर वसूल किया जाएगा।
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