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गूगल और फेसबुक ने मतभेदों को भुलाकर Jio में किया निवेश, आखिर क्या है एक साथ आने का मकसद ?

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस काल में उद्योगपति मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स पर पैसों की बरसात हो रही है। अब तक 14 कंपनियां जियो में निवेश कर चुकी हैं, इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एनुअल मीटिंग यानी AGM में मुकेश अंबानी ने घोषणा की है कि जियो प्लेटफॉर्म्स में दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल 33,737 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। गूगल के निवेश के साथ ही रिलायंस में अब निवेश का आंकड़ा 1.52 लाख करोड़ पर पहुंच गया। हैरानी की बात यह है कि जियो में फेसबुक ने भी हिस्सेदारी ली है और अब गूगल भी इसमे निवेश कर रहा है।

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गूगल की हिस्सेदारी 7.7 फीसदी

गूगल की हिस्सेदारी 7.7 फीसदी

दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी और प्रतिद्वंद्वी कंपनियां गूगल और फेसबुक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के जियो के निवेशक हैं। मुकेश अंबानी ने बुधवार को बताया कि इस निवेश के जरिए जियो में गूगल की हिस्सेदारी 7.7 फीसदी होगी। वहीं फेसबुक ने अप्रैल के अंत में 43,574 करोड़ रुपये में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। जियो में दोनों अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की इतनी बड़ी हिस्सेदारी के पीछे आखिर क्या कारण है।

गूगल और फेसबुक एक दूसरे की प्रतिद्वंदी

गूगल और फेसबुक एक दूसरे की प्रतिद्वंदी

एक सर्च इंजन और एक सोशल नेटवर्क के तौर पर शुरुआत करने के बावजूद गूगल और फेसबुक का लक्ष्य एक ही रहा है। पिछले कुछ वर्षों में फेसबुक का एहसास हुआ कि आने वाले समय में लोग वीडियो पर ज्यादा समय बिताने वाले हैं। इसलिए उससे गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब की तरह अपने प्लेटफॉर्म पर भी वीडियो को बढ़ावा दिया। फेसबुक और गूगल हर जगह समान डेटा बिंदुओं के साथ काम करते हैं। ये दोनों कंपनियां की यूजर के मुताबिक उन्हें सेवा प्रदान करती हैं।

जियो में फेसबुक और गूगल को दिखा ये फायदा

जियो में फेसबुक और गूगल को दिखा ये फायदा

दोनों ही कंपनियां यूजर्स द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइटें और वीडियो पर अधिक से अधिक प्रासंगिक विज्ञापनों की सेवा करने में मदद करती हैं। इसलिए यह एक दूसरे की प्रतिद्वंदी हैं। भारत में उनके साथ आने का मकसद यही है कि यहां डिजिटल अवसर की आपार संभावनाए हैं। दोनों कंपनियों पर चीन में प्रतिबंध लगा हुआ है ऐसे में भारत अपने बड़े बाजार के चलते किसी भी वैश्विक खिलाड़ी के लिए एक अच्छा मैदान बन गया है।

इस वजह से एक मंच पर आए साथ

इस वजह से एक मंच पर आए साथ

किसी भी अन्य देश के मुकाबले भारत में कम कीमत में इंटरनेट और रिलायंस जियो के टेलीकॉम सहित दूसरे क्षेत्र में लगभग 300-400 मिलियन नए इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का को मोनेटाइज करना ही गूगल और फेसबुक को एक मंच पर लाया है। इस फायदे के चलते दोनों कंपनियां अपने मतभेदों को एक तरफ रखते हुए जियों में निवेश करने के लिए आगे आए हैं। आज भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार है, 2019 में, भारत में 560 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे, जो अभी भी इसकी कुल आबादी का 50% से कम है।

यह भी पढ़ें: रिलायंस जियो ने लॉन्च किया Jio Glass, अब इस स्मार्ट चश्मे से ही कर सकेंगे Video कॉलिंग, जानिए खासियत

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English summary
Google and Facebook forget differences invest in Jio, what is the purpose of coming together
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