48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: इस राशि में 5 गुना बढ़ोतरी, मिलेगा 30000 रु तक का इंसेंटिव
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को भले ही 7th Pay Commission की सिफारिशों के तहत वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं पा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इन कर्मचारियों को खुश करने के लिए लगातार घोषणाएं कर रही है। पहले DA में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई तो अब केंद्र सरकार ने नौकरी करते हुए ऊंची डिग्री हासिल करने वाले अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले इंसेंटिव में 5 गुना बढ़ोतरी कर दी है। अब नौकरी के दौरान पीएचडी जैसी ऊंची डिग्री हासिल करने वाले क्मचारियों के लिए प्रोत्साहन की रकम को 10000 रुपए से बढ़ाकर 30000 रुपए तक कर दी गई है।
केंद्र सरकार ने बढ़ाई 5 गुना रकम
केंद्र सरकार ने नौकरी के दौरान पीएचडी जैसी ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि में 5 गुना बढ़ोतरी कर दी है। अब ऐसे कर्मचारियों तो न्यूनतम 10,000 से अधिकतम 30,000 तक कर दिया है। कार्मिक मंत्रालय ने कर्मचारियों के लिए इस तरह की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के वास्ते 20 साल पुराने नियम में संशोधन किया है।
किसे मिलेगा कितना इंसेंटिव
अगर नौकरी में रहते हुए केंद्रीय कर्मचारी ने उच्च डिग्री हासिल की तो उन्हें अब 2000 से 10000 रुपए के बजाए 10000 रुपए से लेकर 30000 रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा। अब न्यूनतम प्रोत्साहन राशि को दो हजार से पांच गुना बढ़ाकर दस हजार रुपएऐ कर दिया गया। केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक 3 साल या इससे कम की डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 10,000 रुपए दिए जाएंगे। अगर 3 साल से अधिक की डिग्री/डिप्लोमा ली गई तो 15,000 दिए जाएंगे। अगर 1 साल या कम की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा हासिल की गई तो 20,000 रु और 1 साल से अधिक की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा लेने पर 25,000 रुपए मिलेंगे। अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी ने नौकरी में रहते हुए Phd या उसके समकक्ष योग्यता हासिल की तो उसे 30,000 रुपए दिए जाएंगे।
किसे मिलेगा लाभ
आपको बता दें कि देशभर में करीब 48.41 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार के इस आदेश का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो नौकरी में रहते हुए उच्च शिक्षा हासिल करेंगे। शुद्ध अकादमिक शिक्षा या साहित्यिक विषयों पर उच्च योग्यता प्राप्त पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से जुड़ी होनी चाहिए या फिर अगले पद पर काम आने वाले कार्यों से जुड़ी होनी चाहिए।