धनतेरस पर कैसी रही सोने-चांदी की खरीदारी, सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
नई दिल्ली। धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री पर सभी की निगाहें रहती हैं। सराफा कारोबारियों को उम्मीद रहती है कि इस दिन सोने-चांदी की चमक थोड़ी बढ़ सकती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले कुछ साल की अपेक्षा इस बार सोने-चांदी की खरीदारी में भारी गिरावट देखने को मिली है। इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी की बिक्री में 40 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। सोने की पहले से बढ़ी हुई कीमतों की वजह से इसकी डिमांड काफी कम रही है। इसी वजह से इस धनतेरस इसकी बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है।
सोने-चांदी की बिक्री में 40 फीसदी की गिरावट
धनतेरस को हिंदू कैलेंडर में कीमती धातुओं से लेकर बर्तनों की खरीदारी के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ होता है। इस दिन कारोबारियों को इनकी ज्यादा बिक्री की उम्मीद रहती है। हालांकि, इस बार बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये पिछले कुछ सालों में बेहद कम नजर आ रही है। खुद सर्राफा कारोबारियों ने भी धनतेरस पर ज्यादातर बाजारों में कारोबार कम होने की बात कही है। इस बार सोने और चांदी की बिक्री में 40 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या सोने की कीमत में बंपर बढ़ोतरी है बिक्री घटने की वजह?
शुक्रवार को धनतेरस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत में 220 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जिससे इसका भाव 39, 240 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, अगर पिछले साल धनतेरस की बात करें, तो उस समय सोने की कीमत 32, 690 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस तरह से पिछले साल के मुकाबले इस बार सोने की कीमत में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
धनतेरस पर 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था सोना
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के मुताबिक इस धनतेरस पर शाम तक में लगभग 6,000 किलो सोने की बिक्री का अनुमान लगाया गया है। इसकी कीमत करीब 2,500 करोड़ रुपये तक है। वहीं, अगर पिछले साल की बात करें, तो उस समय धनतेरस पर 17,000 किलो सोना बिका था। इसकी कीमत करीब 5,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।
'व्यापारियों के लिए पिछले 10 साल में रहा सबसे खराब धनतेरस'
CAIT में सोना और आभूषण समिति के चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने कहा, 'अनुमान है कि इस बार कारोबार में 35 से 40 फीसदी की कमी आई है। यह व्यापारियों के लिए चिंता की बात है। सोने और चांदी के भाव में तेजी के कारण बिक्री में यह कमी आई है। संभवत: यह व्यापारियों के लिए पिछले 10 सालों में 'सबसे खराब धनतेरस' रहा।'
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