कोरोना महामारी में वैश्विक मंदी उतनी भी नहीं रही, जितने की आशंका व्यक्त की जा रही थी: OECD
Global economic scenario is not as bad as it was feared: OECD
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण भारत ही नहीं अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया है। यहां तक कि माना जा रहा था शक्ति संपन्न देश अमेरिका को भी इस महामारी ने हिला कर रख दिया है। वहीं अब अंतरराष्ट्रीय संगठन ओईसीडी ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि कोरोना महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन विशेषकर अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्थाओं का प्रदर्शन उतना भी बुरा नहीं है, जितने की पहले आशंका व्यक्त की जा रही थी। रिपोर्ट में ये हालांकि ये भी कहा गया है कि अभी भी महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व गिरावट बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय संगठन आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने ये रिपोर्ट बुधवार को जारी की। अपनी इस रिपोर्ट में ओईसीडी ने इस साल वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है। हालांकि ये अनुमान संगठन द्वारा जून में बताए गए 6 प्रतिशत गिरावट के अनुमान से कम है। ओईसीडी ने अगले वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और पांच प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की भी उम्मीद भी जताई है। इसके साथ ही ओसीडी ने आर्थिक परिदृश्य में 'उल्लेखनीय रूप से अनिश्चिता' रहने की बात भी कही। ओईसीडी ने कहा कि 2020 की दूसरी तिमाही में, वैश्विक उत्पादन 2019 के अंत में 10 प्रतिशत से अधिक कम है, "आधुनिक समय में एक अचानक अभूतपूर्व झटका" है।
वहीं कोरोना वैक्सीन के लिए संगठन ने कहा कि कोविड 19 की वैक्सीन 2021 के उत्तरार्द्ध से पहले नहीं आएगी तब तक केस आते रहने की संभावना है। ओईसीडी ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर अपना अनुमान संशोधित किया है। अब इसमें इस साल 3.8 प्रतिशत का संकुचन रहने का अनुमान जताया गया है जो पहले 7.3 प्रतिशत था। ओईसीडी के अनुसार दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के समूह में शामिल चााइना ही एक अकेला देश होगा जिसकी अर्थव्यवस्था में इस साल 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी। जबकि पहले इसमें 2.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान था। ओईसीडी ने भारत, मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका को लेकर अपने अनुमान में कटौती की है। फ्रांस अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत, इटली में 10.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में 10.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ ओईसीडी की भविष्यवाणी की गई थी। ओईसीडी ने कहा कि भविष्य में विकास की संभावनाएं नए वायरस के प्रकोपों की गंभीरता, लगाए गए प्रतिबंधों , टीकाकरण और वित्तीय और मौद्रिक नीति की कार्रवाइयों के प्रभावों सहित कारकों पर निर्भर करेंगी।
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