आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए बुरी खबर, दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रहने का अनुमान
नई दिल्ली। मंदी और मंहगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए एक और बुरी खबर आ रही है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक, दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ घटकर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। साथ ही इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट जारी करते हुए जीडीपी ग्रोथ घटकर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इस रिपोर्ट में बैंक ने ऑटोमोबाइल की घटती सेल, एयर ट्रैफिक मूवमेंट में गिरावट, कोर सेक्टर ग्रोथ में सुस्ती और कंस्ट्रक्शन व इंफ्रास्ट्रक्टर में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया है।
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मौजूदा वित्त वर्ष में जून की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फिसदी पर आ गई थी, जो पिछले 6 साल के सबसे निचले स्तर पर है। इसके बाद सरकार ने कई फैसले लिए थे लेकिन एसबीआई की रिपोर्ट की मानें तो इनका जीडीपी ग्रोथ रेट पर खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फैक्ट्री आउटपुट आठ साल के निचले स्तर पर होना खतरे की स्थिति है।
एसबीआई की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
ताजा रिपोर्ट में एसबीआई ने पॉलिसी सरप्राइसेज के बारे में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, इस वक्त जरूरी है कि सरकार टेलीकॉम, पॉवर और एनबीएफसी सेक्टरों में कोई नेगेटिव पॉलिसी लागू न करे। उदाहरण के तौर पर, यह जरूरी है कि एनबीएफसी सेक्टर के लिए प्रभावशाली उपाय किया जाएं, जिसे लंबे समय से टाला जा रहा है। एसबीआई ने रिपोर्ट में इस बात का भी अनुमान जताया है कि जीडीपी में स्लोडाउन को देखते हुए रिजर्व बैंक दिसंबर में मॉनिटरी पॉलिसी में रेट कम कर सकता है।