PCA से बाहर आएंगे सरकारी बैंक, सरकार देगी 83000 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। साल खत्म होने से पहले मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को सौगात देने की तैयारी कर ली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एनपीए से जूझ रहे सरकारी बैंकों को सरकारी मदद का आश्वसन दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष से बचे महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 83000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एनपीए से जूझ रहे सरकारी बैंकों को वित्तीय सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि बैंकों में एनपीए की स्थिति का जायजा पूरा हो चुका है और सरकारी बैंकों में 83,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि यह पूंजी न सिर्फ आरबीआई की पाबंदी झेल रहे बैंकों में ही डाली जाएगी, बल्कि कुछ ऐसे सरकारी बैंकों में भी डाली जाएगी, जिनपर आने वाले महीनों में केंद्रीय बैंक बड़े लोन देने पर पाबंदी लगा सकता है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-2019 में सरकारी बैंकों में 42 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा।
FM, Arun Jaitley: The recognition of NPAs is almost complete, the non-recognition is now at 0.59% which was to the extent of about 0.7% in March 2015. Last quarter has already shown that there is an improved performance. The downward slide in the NPAs itself would now commence. pic.twitter.com/R9HkWF2UqI
— ANI (@ANI) December 20, 2018
उन्होंने कहा कि बैंकों के एनपीए की पहचान हो चुकी है और इसे इसे कम करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकारी मदद के बाद बैंकों के कर्ज देने की क्षमता में इजाफा होगा और उन्हें आरबीआई के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) से बाहर आने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए की वजह से आरबीआई ने 11 सरकारी बैंकों को पीसीए में डाल दिया है। इन बैंकों पर नए ब्रांच खोलने और कर्ज देने पर रोक लगी हुई है। सरकार अब इन बैंकों की मदद करेगी। इस मदद के बाद सरकार की ओर से सरकारी बैंकों को इस वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली पूंजी 65,000 करोड़ से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ हो जाएगी।