आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को एक और झटका, विदेशी मुद्रा भंडार में 1.45 अरब डॉलर की गिरावट
नई दिल्ली। पिछले हफ्तों में देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने के बाद 23 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में 1.45 अरब की भारी गिरावट के साथ 429.05 अरब डॉलर रह गया। इसके पीछे वजह विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में गिरावट आना बताया जा रहा है। रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी ताजा आकंड़ों में ये जानकारी दी गई है। शुक्रवार को ही मोदी सरकार को एक और झटका लगा जब पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर 5% रह गई।
विदेशी मुद्रा भंडार में 1.45 अरब डॉलर की गिरावट
इसके पहले, सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.08 करोड़ डॉलर की मामूली गिरावट के साथ 430.501 अरब डॉलर रह गया था लेकिन तब भी ये 430 अरब डॉलर के स्तर से अधिक बना हुआ था। 9 अगस्त को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 430.572 अरब डॉलर के सर्वोच्च ऊंचाई को छू गया था। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि 23 अगस्त को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.198 अरब डॉलर घटकर 397.128 अरब डॉलर रह गईं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति समग्र मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक है।
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जीडीपी गिरकर 5 पर पहुंची
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ विशेष आहरण अधिकार 45 लाख डॉलर घटकर 1.433 अरब डॉलर रह गया है। आईएमएफ में देश का मुद्रा भंडार भी 42 लाख डॉलर घटकर 3.621 अरब डॉलर रह गया है। इसके पहले, सेंट्रल स्टैटिसटिक्स ऑफिस (CSO) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-जून की तिमाही के लिए देश की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार, पहली तिमाही में GDP ग्रोथ घटकर 5 फीसद के स्तर पर आई है। वित्त वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में यह 5.8 फीसदी थी।
जीडीपी में गिरावट से सरकार को लगा झटका
मंदी की आहट के बीच जीडीपी में गिरावट से सरकार को झटका लगा है। वहीं, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने केंद्र सरकार की नीतियों का बचाव किया। कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, जीडीपी में गिरावट है लेकिन हम अभी भी 5 प्रतिशत के स्तर पर हैं और हम आगे विकास के पथ पर फिर आ जाएंगे। सरकार 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अग्र-सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। सुब्रमण्यन ने कहा कि 5 ट्रिलियन इकॉनमी के टारगेट पर पहुंचने के साथ शार्ट टर्म की परिस्थितियों से भी निपटने की जरूरत है।