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2G घोटाले पर फैसले के बाद बढ़ी सरकार की मुश्किल,मुआवजा मांग सकती हैं कंपनियां

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नई दिल्ली। यूपीए सरकार के शासनकाल में देश का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया। 1 लाख 76 हजार करोड़ के इस घोटाले में यूपीए सरकार के दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया, लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने 6 साल के बाद इसे बड़े घोटाले के अस्तित्व के खत्म कर सभी आरोपियों को बरी कर दिया। 2जी घोटाले पर आए फैसले के बाद अब सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। दरअसल इस घोटाले की वजह से जिन कंपनियों का लाइसेंस रद्द किए गए अब वो सरकार से मुआवजा मांगने की तैयारी कर रही है।

2जी स्कैम पर कोर्ट को फैसले से बढ़ी सरकार की मुश्किल

2जी स्कैम पर कोर्ट को फैसले से बढ़ी सरकार की मुश्किल

इस फैसले के बाद टेलिकॉम कंपनियां, जिनके लाइसेंस रद्द किए गए थे अब वो सरकार से मुआवजा मांग सकती है। विडियोकॉन टेलिकॉम अब इस बात की तैयारी में जुट गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द होने के बाद कंपनी ने सरकार के खिलाफ टेलिकॉम ट्राइब्यूनल में केस किया था। साल 2015 में दर्ज करवाए गए इस मामले को अब कंपनी तेजी से निपटाना चाहती है। 2जी पर आए सीबीईआई कोर्ट के फैसले से अब टेलिकॉम कंपनी को बल मिल गया है और वो सरकार से 10,000 करोड़ रुपये की मांग कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था लाइसेंस

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था लाइसेंस

आपको बता दें कि 2जी घोटाला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में 122 2जी स्पैक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने वीडियोकॉन के 21 लाइसेंस रद्द कर दिए थे। वीडियोकॉन ने नियम के मुताबिक कोर्ट के फैसले आने के तीन साल बाद सरकार के खिलाफ केस दर्ज करवाया था और सरकार ने 5500 करोड़ से लेकर 10000 करोड़ मुआवजे की मांग की थी। कंपनी की दलील है कि लाइसेंस रद्द किए जाने की वजह से कंपनी को भारी वित्तीय घाटा हुआ। कंपनी ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने की वजह से उन्हें 25000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जबकि इस मामले में उनकी कोई गलती नहीं थी। अब उन्हें उम्मीद है कि सीबीआई कोर्ट द्वारा 2जी घोटाले में दिए गए फैसले से उन्हें मुआवजा पाने में मदद मिलेगी।

 विदेशी कंपनियों को भी मिला हथियार

विदेशी कंपनियों को भी मिला हथियार

2जी मामले पर आए कोर्ट के फैसले से न केवल भारतीय कंपनियां बल्कि विदेशी कंपनियों को भी हथियार मिल गया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त अरब अमीरात की एतिसलात, नॉर्वे की टेलिनॉर, रूस की सिस्टेमी कंपनियों के 2जी लाइसेंस भी रद्द कर दिए थे। इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द होने से भारत को 2.5 अरब डॉलर के विदेशी निवेश का नुकसान हुआ था। अब जब कि 2जी घोटाले पर फैसला आ चुका है और सभी आरोपी बरी हो चुके हैं तो ये कंपनियां भारत सरकार ने मुआवजे की मां कर सकती है।

फंस गया विदेशी निवेश

फंस गया विदेशी निवेश

आपको बता दें कि साल 2008 में इन कंपनियों को लाइसेंस और स्पेक्ट्रम मिले थे और एतिसलात, टेलिनॉर और सिस्टेमा जैसी विदेशी कंपनियों ने भारत में अपना मोबाइल फोन बिजनेस खड़ा करनी की कोशिश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें बड़ा झटका लगा और एतिसलात के 827 मिलियन, टेलिनॉर के 1.4 अरब और रूसी कंपनी सिस्टेमा के 1.2 अरब डॉलर का निवेश भारत में फंस गया। अब चूंकि फैसले में 2जी घोटाले में कोई आपराधिक मामला सामने नहीं आया तो ये कंपनियां मुआवजा मांग सकती है।

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English summary
The 2G verdict, which ruled out a scam in the grant of licences back in 2008, will provide ammunition for international carriers such as UAE's Etisalat, Norway's Telenor and Russia's Sistema to seek damages from India for having to write off over $2.5 billion of investments after the apex court scrapped their licences
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