फिच: बाकी देशों से बेहतर स्थिति में भारत, चालू वित्त वर्ष के अंत में GPD बढ़त 4.6 फीसदी रहने का अनुमान
नई दिल्ली। आर्थिक मंदी के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के लिए राहत की खबर दी है। फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को 'BBB-' बरकरार रखा है। भारत के आउटलुक को भी स्थिर रखा गया है। अपनी एक रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा है, 'अन्य देशों के मुकाबले भारतीय जीडीपी ग्रोथ को लेकर हमारा आउटलुक अभी भी सॉलिड है। हालांकि, पिछली कुछ तिमाहियों में ग्रोथ रेट में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके पीछे घरेलू कारक जिम्मेदार हैं।'
फिच के अनुसार भारत की जीडीपी बढ़त में कमी आई है। अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अंत में ये बढ़त 4.6 फीसदी के करीब रह सकती है। फिच ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए क्रेडिट संकट और ग्राहकों में आत्मविश्वास की कमी की वजह से जीडीपी बढ़त प्रभावित हुई है। लेकिन वित्त वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी बढ़त 5.6 फीसदी रह सकती है। वहीं ये वित्त वर्ष 2022 में 6.5 फीसदी रह सकती है।
ये सुधार मौद्रिक सहूलियत और फिस्कल पॉलिसी की वजह से होगा। मध्य अवधि में ढांचागत उपायों की वजह से भी इसे सहारा मिलेगा। हालांकि एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'भारत की रेटिंग को लेकर हमारा यह अनुमान वित्त वर्ष 2020 के लिए केंद्र सरकार राजकोषीघ घाटे के लक्ष्य के आधार पर है, जोकि वर्तमान में जीडीपी का 3.3 फीसदी है।' ऐसे में राज्यकोषीय घाटे को संतुलित करना थोड़ा मुश्किल होगा।
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