बैकों की दशा सुधारने के लिए जनवरी में जारी हो सकता है रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड की पहली किस्त
नई दिल्ली। देश के सरकारी बैक कर्ज के बोझ में दबे है। बैंकों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वो निवेश के लिए दे सके। ऐसे में सरकार ने सरकारी बैंकों की दशा सुधारने के लिए रिकैपिटलाइजेशन देने की बात कही है। माना जा रहा है जनवरी में वित्तमंत्री अरुण जेटली बैंकों को रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड की पहली किस्त दे सकते हैं।
सरकार ने रोजगार सृजन और कर्ज विद्धि के लिए बैकों का पुनर्पूंजीकरण करने का फैसला किया। इसके तहत बैंकों को अगले दो सालों के भीतर 2.11 लाख करोड़ रुपए की पूंजी दी जाएगी। इस राशी के लिए 18139 करोड़ रुपए बजटीय प्रावधानों से आएंगे, जबकि 1,35,000 करोड़ रुपए बैंकों को पुनर्पूंजीकरण बांड के तौर पर दी जाएगी।
आपको बता दें कि ये बांड बाजार में नहीं बेचे जाएंगे बल्कि इसे बैंकों को जारी किया जाएगा। इसके अलावा सरकार बैंकों को प्रदर्शन के मुताबिक 8000 करोड़ रुपए देगी। वहीं 8000 करोड़ की पीसीबी पूंजी निवेश के तौर पर 2018 के बजट से जारी की जाएगी। सरकार सरकारी बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए अलग-अलग तरह से पैसा जुटाएगी। बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए निर्धारित रकम में से 76,000 करोड़ बजट या बाजार से आएंगे। आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने इससे पहले कहा थाकि रिकैपिटलाइजेशन के वित्तीय घाटे पर असर को लेकर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। बैंकों का रिकैपिटलाइजेशन रेटिंग को बेहतर ही करेगा।