सरकार ने किया स्पष्ट- नहीं बंद किए गए हैं 8 फीसदी योजना के बॉन्ड, घटेगी ब्याज की दर
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नई दिल्ली। सरकार की ओर से उन खबरों को खारिज किया गया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि 8 फीसदी वाले सेविंग बॉन्ड स्कीम बंद हो रहे हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि 8 फीसदी वाले बॉन्ड्स को 7.75 फीसदी की ब्याज वाले बॉन्ड्स से रिप्लेस कर रही है। दावा किया गया था कि वित्त मंत्रालय ने 8% बचत (कर योग्य) बॉन्ड , 2003 को को जनवरी से बंद कर दिया जाएगा। हालांकि आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्विटर पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि '8% बचत बांड योजना, जिसे आरबीआई बांड योजना के रूप में भी जाना जाता है, बंद नहीं किया जा रहा है। 8% योजना की जगह 7.75% बचत बांड योजना लाई जा रही है।'
सरकार ने कहा था कि...
इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि बॉन्ड की सदस्यता 2 जनवरी से बंद हो जाएगी। भारत सरकार ने घोषित किया कि 8 प्रतिशत भारत सरकार (कर योग्य) बांड, 2003 मंगलवार, 2 जनवरी से सदस्यता को बंद कर दिया गया।
सरकार के इस फैसले पर पूर्व FM बोले
सरकार के इस फैसले पर पूर्व वित्त मंत्री पलनिअप्पन चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने 8% कर योग्य बॉन्ड्स को बंद कर मध्य वर्ग को गंभीर झटका दिया है। जोखिम-प्रतिकूल से नागरिक कैसे बचेंगे? सरकार का अपने नागरिकों को बचत के लिए एक सुरक्षित और जोखिम मुक्त साधन प्रदान करने का कर्तव्य है। क्या सरकार लोगों को शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कह रही ही है? किसके लाभ के लिए? यह सरकार को समझाना चाहिए।'
ये है इस बॉन्ड की खासियत
बता दें कि खुदरा निवेशकों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई योजना लोकप्रिय है क्योंकि इसमें छोटी बचत और फिक्स्ड डिपॉजिट दरों से ज्यादा ब्याज दर की पेशकश की गई थी। 6 साल के समय में, 1,000 रुपये का न्यूनतम निवेश, अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं और आधे साल के आधार पर ब्याज प्राप्त करने का विकल्प इस बॉन्ड में मौजूद है। केवल फिजिकल पेपर में उपलब्ध हैं और स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध नहीं है।