डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए खुशखबरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) फीस का खर्च अब सरकार उठाएगी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों को रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट की सुविधा देना होगा। बता दें की अगले साल वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करने वाली हैं इससे पहले यह ऐलान उद्योगजगत के लिए बड़ी राहत बताया जा रहा है।
क्या है मर्चेंट डिस्काउंट रेट?
मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) डेबिट कार्ड पर लगने वाला चार्ज होता है जो मर्चेंट अपनी सर्विस प्रोवाइडर को देता है। PoS टर्मिनल पर जब भी कोई कार्ड का इस्तेमाल में लाया जाता है तो उसके लिए चार्ज किया जाता है। यह शुल्क ऑनलाइन या क्यूआर स्कैन के जरिए लिया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह चार्ज आगे जागर तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा सुविधा देने वाले बैंक को जाता है, दूसरा PoS इंस्टॉल करने वाले वेंडर को और तीसरा नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर को। यह चार्ज किसी भी ट्रांजेक्शन पर 2 फीसदी तक हो सकता है।
पिछले बजट में किया था जिक्र
बता दें कि एमडीआर को लेकर इससे पहली भी चर्चा की जा चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले भी संसद में एमडीआर का जिक्र कर चुकीं हैं। उन्होंने 2019 के बजट में कहा था कि 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियो पर डिजीटल पेमेंट के दौरान लगने वाले एमडीआर चार्ज को कम करना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस खर्च का वहन आरबीआई को उठाना चाहिए।
बैंकों को दी ये छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब बैंक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई फ्रॉड का मामला सामने आता है तो बैंक ही सीबीआई को केस देंगे, उनकी मंजूरी के बिना कोई भी केस केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को नहीं दिया जाएगा।
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