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इन 11 लोगों के भरोसे है वित्त मंत्री अरुण जेटली का करियर

By Ajay Mohan
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश के नये वित्त मंत्री अरुण जेटली को जब वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कॉर्पोरेट अफेयर्स और रक्षा मंत्रालय दिया गया, जो चारों ओर चर्चा होने लगी कि एक व्यक्त‍ि पर रक्षा और वित्त का भार सौंपना सही नहीं है। तब जेटली ने कहा कि कुछ ही दिन बाद रक्षा मंत्रालय किसी और को दे दिया जायेगा।

इसी के साथ प्रश्न उठने लगे कि भारत की विकास दर को जेटली ऊपर उठाने में सफल हो पायेंगे या नहीं? तो जवाब है- अर्थ व्यवस्था का भार सिर्फ जेटली के कंधों पर नहीं होगा, बल्कि 11 अन्य लोग भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर इन 11 लोगों ने ठीक से काम नहीं किया, तो बिना चुनाव जीते वित्त मंत्री बने अरुण जेटली का करियर अधर में लटक सकता है।

सरल भाषा में देखं तो नई सरकार में कुल 12 लोगों को ऐसे विभाग दिये गये हैं, जो सीधे तौर पर अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने का काम कर सकते हैं। जेटली के बाद जिनके नाम आते हैं वो हैं-

1. निर्मला सीतारमन (वाणिज्य उद्योग एवं कपड़ा)

निर्मला सीतारमन के पास वाण‍िज्या उद्योग एवं कपड़ा मंत्रालय है। इनका मुख्य उद्देश्य एक्सपोर्ट पर होगा, ताकि देश को ज्यादा से ज्यादा आय हो सके।

2. राम विलास पासवान (खाद एवं उपभोक्ता मंत्रालय)

पासवान के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी इसलिये रहेगी, क्योंकि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने की जिम्मेदारी एनडीए सरकार पर रहेगी। ऐसे में खाद्य वितरण बेहद महत्वपूर्ण है। यही नहीं उपभोक्ताओं तक वस्तुएं सही समय व सही दाम पर पहुंच रही हैं कि नहीं इस बात का भी खास खयाल पासवान को रखना होगा।

3. धर्मेन्द्र प्रधान (पेट्रोलियम राज्यमंत्री)

बेहद संवेदनशील मंत्रालय धर्मेन्द्र प्रधान के पास है, क्योंकि देश की महंगाई इसी पर टिकी रहती है। चूंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल पर प्रधान का नियंत्रण नहीं हो सकता है, लिहाजा उनका काम बेहद कठिन है।

4. नितिन गडकरी (ट्रांसपोर्ट एवं जहाजरानी मंत्री)

यह विभाग भी सीधे तौर पर कीमतों से जुड़ा हुआ है। अगर इस विभाग को सही ढंग से नहीं चलाया गया, तो जेटली का पूरा प्लान धरा का धरा रह जायेगा और महंगाई नीचे नहीं आ पायेगी।

5. रविशंकर प्रसाद (टेलीकॉम एवं आईटी)

भारत के लिये टेलीकॉम राजस्व का बड़ा स्रोत है, जबकि आईटी इंडस्ट्री में पहले ही भारत ने कई झंडे गाड़े हैं। ऐसे में रविशंकर प्रसाद पर बड़ी जिम्मेदारी रहेगी कि इन दोनों क्षेत्रों को कैसे और आगे बढ़ाया जा सके।

6. अनंत कुमार (रसायन एवं खाद)

देश की अर्थव्यवस्था कृष‍ि पर टिकी हुई है, लिहाजा कृष‍ि उत्पादन कितना अच्छा होगा यह अनंत की अनंत सेवाओं पर निर्भर करेगा।

7. पीयूष गोयल (ऊर्जा एवं कोयला)

उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाण समेत देश के कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था में आने वाली सबसे बड़ी बाधा भी यही है, लिहाजा पीयूष गोयल पर बड़ी जिम्मेदारी होगी।

8. अशेक गजापति राजू (नागरिक उड्डयन)

प्राइवेट एयरलाइंस की बढ़ती दबंगई के कारण यह विभाग दबा कुचला महसूस कर रहा है। इसका प्रभाव देश की अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ता है।

9. सदानंद गौड़ा (रेल मंत्री)

रेल नेटवर्क पर देश की तमाम बड़े उद्योग घराने निर्भर हैं, लिहाजा गुड्स ट्रेन के लिये नये नेटवर्क को बढ़ाने व इसे प्रॉफिटेबल बनाना जरूरी है।

10. प्रकाश जावडेकर (पर्यावरण एवं सूचना एवं प्रसारण)

देश में नई परियोजनाओं को ग्रीन सिगनल देते वक्त सरकार को देश की ग्रीनरी का भी खास खयाल रखना होता है। ऐसे में जावडेकर की भूमिका बेहद अहम है।

11. राधा मोहन (कृष‍ि)

जैसा कि नमो ने अपनी हर रैली में रियल टाइम डाटा उपलब्ध कराने की बात कही है, ताकि अनाज बर्बाद नहीं हो। अगर राधा मोहन इसमें सफल हो गये, तो कृष‍ि को मजबूत क्षेत्र के रूप में हम देखेंगे।

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English summary
Not only Finance minister Arun Jaitely but 11 more ministers are there in Team Modi who will be responsible for Indian Economy.
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