मार्क जकरबर्ग को लोगों ने लिखा पत्र, कहा- फेसबुक प्लीज, मेरे बच्चों को छोड़ दो
नई दिल्ली। फेसबुक ने दिसंबर 2017 में कम उम्र के बच्चों को ध्यान में रखकर 'मैसेंजर किड्स' एप लॉन्च किया था। इस एप के लॉन्च होने के बाद से फेसबुक की काफी आलोचनाएं हो रही थी। आलोचकों का कहना था कि फेसबुक कम उम्र में ही बच्चों को सोशल मीडिया पर आने और उसका आदी बनने के लिए उकसा रहा है। लेकिन इस सबके बीच फेसबुक के एक टॉप एग्जीक्यूटिव आलोचनाओं के उलट इस एप को बच्चों और फैमिली के लिए अच्छा एप बताया है।
फेसबुक प्लीज, मेरे बच्चे को छोड़ दो
बता दें कि इस विवाद की शुरूआत ब्रिटिश हेल्थ सेक्रेटरी, जर्मी हंट के एक बयान के बाद शुरू हुई थी जिसमें उन्होंने फेसबुक को अपने बच्चों से दूर होने को कहा था। जर्मी ने कहा था, 'फेसबुक ने मुझसे कहा था कि वे कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर आने से रोकने के आइडिया पर काम कर रहे हैं लेकिन इसके उलट वो सक्रिय रुप से इन बच्चों को फेसबुक पर आने के लिए उकसा रहे हैं। फेसबुक प्लीज, मेरे बच्चों से दूर रहो और जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करो।'
100 से ज्यादा चाइल्ड एक्सपर्ट ने लिखा पत्र
बीते 30 जनवरी को दुनिया भर के 100 से ज्यादा चाइल्ड हेल्थ एक्सपर्ट ने फेसबुक को एक पत्र लिख उसे ये एप हटाने के लिए कहा। मार्क जकरबर्ग को लिखे इस पत्र में कहा गया है 'आपने 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मैसेंजर किड्स एप बनाया है। ये बच्चे अभी सोशल मीडिया ज्वाइन करने के लिए तैयार नहीं है इसलिए इसे एप को तुरंत बंद किया जाए।'
फेसबुक ने किया बचाव
वहीं फेसबुक ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा कि यह एप अन्य सोशल मीडिया एप की तरह नहीं है। इस एप में बच्चे उन्हीं से बात कर सकते हैं जिसकी एप पर उनके पैरेंट उन्हें इजाजत देंगे। ये एप इसलिए बनाया गया है ताकि परिवार के सभी छोटे-बड़े सदस्य ग्रुप चैट में शामिल हो सके।