जानिए, कैसे घटते-बढ़ते हैं डीजल पेट्रोल के दाम, कीमत से गई गुना ज्यादा लगता है टैक्स
नई दिल्ली। देश की प्रमुख तेल कंपनियों ने शनिवार को डीजल पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं की। दिल्ली में आज पेट्रोल के दाम 77.67 रुपए प्रति लीटर है तो वहीं मुंबई में 85.09 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 80.61 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 80.69 रुपए प्रति लीटर है। डीजल का भाव शनिवार को दिल्ली में 69.18 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 73.44 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 72.02 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 73.08 रुपए प्रति लीटर है। शुक्रवार को भी देश भर में डीजल पेट्रोल का यहीं दाम रहा। आईए हम आपको बताते है कि कैसे डीजल पेट्रोल की कीमती में इजाफा होता है...
हर रोज सुबह 6 बजे तेल की कीमतों में होता है संशोधन
1- सरकारी तेल कंपनियां पिछले साल मध्य जून में हर माह 1 और 16 तारीख को तेल कीमतों की समीक्षा करने की प्रणाली को बंद कर दिया और प्रति दिन तेल कीमत तय करने की शुरुआत की। तब से राज्य संचालित तेल विपणन कंपनियां इंडियन ऑइल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम दैनिक आधार पर 6 बजे से ईंधन की कीमतों में संशोधन कर रहे हैं।
2- 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। लेकिन इस साल में मई, पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।
3-मुंबई में पेट्रोल पर सबसे अधिक 39.12 फीसदी वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लगता है, जबकि तेलंगाना में डीजल पर सबसे अधिक 26 फीसदी वैट लगता है। वहीं दिल्ली में पेट्रोल पर 27 फीसदी और डीजल पर 17.24 फीसदी का वैट लगाता है। पेट्रोल पर कुल 45-50 फीसदी और डीजल पर 35-40 फीसदी टैक्स लगता है।
मई में तेल की कीमतों ने तोड़ दिया था रिकॉर्ड
4-
देश
में
तेल
की
सबसे
अधिक
कीमतें
29
मई
के
देखने
को
मिली
थी।
इस
दिन
पेट्रोल
अपने
अब
तक
के
सबसे
उच्चतम
स्तर
78.43
रुपए
प्रति
लीटर
पर
पहुंच
गया
था,
वहीं
डीजल
ने
69.31
रुपए
प्रति
लीटर
के
सबसे
उच्चतम
स्तर
को
छुआ।
इस
बढ़ोत्तरी
का
सबसे
बड़ा
कारण
इंटरनेशनल
मार्केट
में
डॉलर
के
मुकाबले
रुपए
में
गिरवट
को
माना
गया
था।
5-
केंद्र
सरकार
ने
नवंबर
2014
और
जनवरी
2016
के
बीच
नौ
किश्तों
में
पेट्रोल
पर
11.77
रुपए
प्रति
लीटर
और
डीजल
पर
13.47
रुपए
प्रति
लीटर
उत्पाद
शुल्क
बढ़ाया।
जबकि
इस
दौरान
इंटरनेशनल
मार्केट
में
डीजल
की
कीमतें
कम
हुईं
थी।
हालांकि
इस
दौरान
पिछले
साल
अक्टूबर
में
सरकार
ने
2
रुपए
प्रति
लीटर
की
एक
बार
कटौती
भी
की।
जीएसटी से बाहर है तेल
6-केंद्र और राज्य सरकारें इसकी वजह से होने वाले राजस्व नुकसान को लेकर इन्हें जीएसटी में शामिल करने के पक्ष में नहीं है। पिछले साल जुलाई में जब जीएसटी लागू हुई थी, तब पेट्रोल, डीजल, क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल को इससे बाहर रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंदर लाया जाता है तो इससे केंद्र को 20 हजार करोड़ रुपये के टैक्स क्रेडिट का नुकसान होगा।
7- तेल की कीमतों में शुक्रवार को एक फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी देखने को मिली। साप्ताहिक गिरावट के चलते ईरान तेल की सप्लाई को सीमित कर सकता है। अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा रहे है। जिसका उसे समर्थन मिल रहा है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध में दुनिया की आर्थिक वृद्धि धीमी हो सकती है।
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