मोदी सरकार के इस फैसले से 8 करोड़ PF खाताधारकों को झटका, EPFO ने लिया ये फैसला
मोदी सरकार के इस फैसले से 8 करोड़ PF खाताधारकों को झटका, EPFO ने लिया ये फैसला
नई दिल्ली। मोदी सरकार के फैसले से 8 करोड़ पीएफ खाताधारकों को बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र की मोदी सरकार PF की ब्याज दर में कटौती करने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्रालय ने इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन को पीएफ की ब्याज दर को सालाना 8.65 फीसदी से कम करने के लिए कहा गया है। हालांकि EPFO ने साफ किया है कि वो पीएफ की ब्याज दर में कटौती नहीं करेगी।
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पीएफ की ब्याज दर में कटौती
पीएफ की ब्याज दर सरकार द्वारा तय किया जाता है। इसे EPFO द्वारा चलाई जाती है। वर्तमान में पीएफ खाताधारकों को 8.65 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। खाताधारकों के ब्याज दर में कटौती को लेकर वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ से सवाल पूछा था कि क्या उनके पास ब्याज देने के लिए पर्याप्त धन है। सरकार ब्याज दर में कटौती करना चाहती है, लेकिन ईपीएफओ ने साफ कर दिया है कि वो मौजूदा दर में कोई बदलाव नहीं करना चाहती। श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ पर 8.65% की दर से ब्याज देने के प्रस्ताव पर अडिग हैं।
पीएफ खाताधारकों को मिली राहत
ईपीएफओ
के
बोर्ड
ऑफ
ट्रस्टीज
ने
पर्याप्त
रकम
होने
का
हवाला
देते
हुए
साफ
किया
है
कि
वो
पीएफ
की
ब्याद
दर
में
कटौती
नहीं
करेगी।
वित्त
मंत्रालय
ने
वित्त
वर्ष
2018-19
में
पीएफ
पर
ब्याज
दर
बढ़ाकर
8.65%
दिए
जाने
के
प्रस्ताव
का
विरोध
करते
हुए
फैसले
पर
दोबारा
विचार
करने
को
कहा
है।
गौरतलब
है
कि
ईपीएफओ
ने
वित्त
वर्ष
2017-18
में
पीएफ
पर
8.55%
की
दर
से
ब्याज
दिया
था।
क्या है वजह
वित्त मंत्रालय की ओर से ब्याज दर में कटौती की दलील दी गई, लेकिन ईपीएफओ में कई अधिकारी वित्त मंत्रालय के विरोध को एक रूटीन प्रतिक्रया के रूप में ले रहे हैं । सूत्रों की माने तो ज्यादा दर से ब्याज देने के बावजूद ईपीएफओ के पास 150 करोड़ रुपए अतिरिक्त बच जाएंगे। वहीं लेबर यूनियंस भी ईपीएफओ के फैसले वापस लेने के पक्ष में नहीं हैं। ईपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठकों में लेबर यूनियनंस के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं।