पीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55% से 8.65% हुई, EPFO की बैठक में लगी मुहर
नई दिल्ली। ईपीएफओ ने कर्मचारियों के पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.65% की। पहले पीएफ पर ब्याज दर 8.55 थी । रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक में इसका फैसला लिया गया। यह 5 साल में सबसे कम है। सूत्रों के मुताबिक ईपीएफओ की आय का अनुमान ट्रस्टीज के लिए जारी नहीं किया गया है। इसे बैठक के दौरान पेश किया जाएगा। वित्त वर्ष 2016 के बाद पहली बार पीएफ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2012-13 में पीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज दर थी। इसके बाद साल 2013-14 में ये बढ़कर 8.75 फीसदी हो गई। साल 2014-15 में आपको पीएफ पर 8.75 फीसदी ब्याज मिला था। वहीं 2015-16 में ये ब्याज दर बढ़कर 8.8 फीसदी हो गई थी।
साल 2016-17 में ब्याज दर में हुई थी कटौती
साल 2016-17 में पीएफ पर ब्याज की दर घटकर 8.65 फीसदी हो गई थी। वहीं पिछले साल भी इसमें कटौती हुई थी। पिछले साल आपको पीएफ पर 8.55 फीसदी ब्याज मिला था। श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का बोर्ड पीएफ पर ब्याज दरों को लेकर फैसला करता है। ईपीएफओ के ब्याज दरें तय करने के बाद ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास जाता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी इसके लिए जरूरी होती। वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही बढ़ी हुई ब्याज दर का फायदा पीएफ अकाउंट धारकों को पहुंचा दिया जाता है।
बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी
श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है जो वित्त वर्ष के लिये भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर पर निर्णय लेता है। बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा।
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लोकसभा चुनाव से पहले यह फैसला...
अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सरकार की ओर से नौकरीपेशा और किसानों को लुभाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की निश्चित राशि देने का ऐलान किया गया है तो वहीं 15 हजार से कम कमाई करने वाले मजदूर वर्ग के लोगों के लिए पेंशन स्कीम लॉन्च की गई है।