EPFO: जीएसटी ने ईपीएफओ को भेजा नोटिस, सर्विस टैक्स नहीं चुकाने पर की गई कार्रवाई
नई दिल्ली। जीएसटी और ईपीएफओ के बीच एक विवाद पैदा हो गया है। इसके चलते जीएसटी इंटेलिजेंस यूनिट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को एक नोटिस भेजा है। यह नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि ईपीएफओ ने सर्विस टैक्स का भुगतान नहीं किया है। नोटिस के तहत 2016-17 तक ईपीएफओ के सभी रिकॉर्ड्स की जांच की मांग की गई है। हालांकि, ईपीएफओ ने राजस्व अधिकारियों से कहा है कि प्रोविडेंट फंड ऑफिस को अप्रैल 2016 से सर्विस टैक्स से छूट दी गई है, जिसके चलते सर्विस टैक्स जमा नहीं किया गया। पीएफ ऑफिस ने कहा है कि इसी वजह से इसकी सेवाएं नए अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम के अंतर्गत नहीं आती है।
25 जुलाई को जीएसटी इंटेलिजेंस के डायरेक्टोरेट जनरल ने ईपीएफओ को एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने जुलाई 2012 से मार्च 2016 तक सर्विस टैक्स का भुगतान न करने का सवाल उठाया था। जीएसटी की तरफ से ईपीएफओ के सभी दफ्तरों को अलग-अलग नोटिस भेजा गया है। इसके बाद ईपीएफओ ने 14 सितंबर को जीएसटी इंटेलिजेंस यूनिट को जवाब देते हुए लिखा था कि 1 अप्रैल 2016 से पीएफ ऑफिस को सर्विस टैक्स से छूट दी गई है, जिसके चलते 31 मार्च 2017 तक के रिकॉर्ड की छानबीन करना तर्कसंगत नहीं है।
ईपीएफओ की तरफ से कहा गया है कि पहले मिलने वाली छूट जीएसटी एक्ट के तहत भी लागू है। ईपीएफओ की तरफ से उस मांग को भी चुनौती दी गई है जिसमें ईपीएफओ द्वारा चार्ज किए जाने वाले सांविधिक प्रशासन शुल्क और ब्याज पर सर्विस टैक्स लगाने की मांग की गई है। ईपीएफओ ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल के 13 अप्रैल को जारी किए गए उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि पीएफ ऑफिस को किसी भी सांविधिक प्रसासन शुल्क पर सर्विस टैक्स देना अनिवार्य नहीं है। यह आदेश प्रोविडेंट फंड एंड मिसलीनियस प्रोविजंस एक्ट 1952 के तहत दिया गया था।