आर्थिक मोर्चे पर एक और बुरी खबर, 8 कोर सेक्टर्स में भारी गिरावट
नई दिल्ली। आर्थिक मंदी के मुद्दे पर पर पहले ही घिरी केंद्र की मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक और बुरी खबर है। अगस्त महीने में आठ कोर सेक्टर्स की विकास दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोर सेक्टर (Core sector) की 8 प्रमुख इंडस्ट्रीज का इंडेक्स 128.2 रहा है। पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले इसमें 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। साल 2019-20 के अप्रैल-अगस्त माह के दौरान यह 2.4 फीसदी रही है।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन आठ उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी उत्पाद, ऊर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। इन आठ उद्योगों को कोर सेक्टर कहा जाता है। जारी आंकड़े के मुताबिक कोयला में 8.6 फीसदी, क्रूड ऑयल सेक्टर में 5.4 फीसदी, नेचुरल गैस में 3.9 फीसदी , सीमेंट में 4.9 फीसदी और बिजली में 2.9 फीसदी उत्पादन में अगस्त में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, उर्वरक, स्टील प्रोडक्शन सेक्टर में 2.9 फीसदी और 5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है।
पिछले अगस्त की तुलना में इस साल आठ कोर सेक्टर्स की विकास दर में करीब 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल अगस्त में कोर सेक्टर की विकास दर 4.7 फीसदी रही थी। मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ा झटका है। जुलाई में आठ कोर सेक्टर की विकास 2.1 फीसदी थी, जिससे एक उम्मीद जगी थी कि आगे सुधार देखने को मिलेगी। लेकिन अगस्त में जारी हुई आंकड़े इसके उटल देखने को मिल रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष के प्रथम पांच महीने (अप्रैल-अगस्त) में कोर सेक्टर की विकास दर घटकर 2.4 फीसदी रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.7 फीसदी थी। बता दें कि, कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी की भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसद हिस्सेदारी होती है।
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