आर्थिक मंदी: मानसिक तनाव में बड़ी कंपनियों के सीनियर अधिकारी, नौकरी खोने का सता रहा है डर
नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में हैं। आर्थिक मंदी के चलते भारतीय कंपनियों का सीनियर प्रबंधन मानसिक तनाव से जूझ रहा है। मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों के पास इन दिनों पहले की अपेक्षा कई गुना लोग पहुंच रहे हैं। इनके उपर नौकरी बचाने का दबाव, नए और अवास्तविक टार्गेट पूरा करने का डर हावी है। कई लोगों को नौकरी खोने का डर भी सता रहा है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अध्ययनों से पता चला है कि पिछले छह महीनों में लोगों में डिप्रेशन और चिंता संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। कॉसमॉस इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंस (सीआईएमबीएस) के मुताबिक, कंपनियों के सीनियर कर्मचारियों में तीन गुना तेजी से मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई है। कंपनियों को एम्पलॉयी असिस्टेंस प्रोग्राम प्रदान करने वाली कंपनी ओपटएम के मुताबिक, कर्मचारियों की तरफ से मानसिक तनाव को लेकर मिलने वाली शिकायतें 2018 के मुकाबले दोगुनी होकर 2019 में 16 फीसदी हो गई हैं।
सीआईएमबीएस की मनोचिकित्सक शोभना मित्तल के मुताबिक काम से जुड़े तनाव या पैसों को लेकर परेशानी से होने वाली चिंता संबंधी बीमारियों से न सिर्फ संस्थाओं में काम करने वाले लोग जूझ रहे हैं, बल्कि सेल्फ इम्पलॉयड इंटरप्रेन्योर्स और उनके पति/पत्नी भी जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई मामलों में नौकरी जाने का डर, आर्थिक नुकसान और उससे पैदा होने वाले तनाव के चलते उनके मन में आत्महत्या करने का विचार भी आ रहे हैं।
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