पीएम मोदी का यह 'ड्रीम प्रोजक्ट' क्या चढ़ जाएगा आर्थिक मंदी की भेंट?
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से कई सेक्टर प्रभावित हैं। कई क्षेत्रों में नौकरियां खत्म हो रही हैं। पीएम मोदी का भी एक ड्रीम प्रोजक्ट भी इस सुस्ती के भेंट चढ़ सकता है। जी हां आय को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन रही है। जानकारों का मानना है कि इसका सीधा असर सस्ते घरों के सेगमेंट पर पड़ेगा। अफोर्डेबल हाउसिंग मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इस सेगमेंट में मांग तेजी से घट रही है। Economic Times की खबर के मुताबिक रीयल एस्टेट डेवेलपर्स के पास ऐसे 4.12 लाख मकान हैं जिनकी बिक्री नहीं हुई है।
इनकी कीमत 45 लाख रुपये तक है। इनमें से आधे मकान उन स्थानों पर हैं, जहां ऑटो कंपनियों की फैक्ट्रियां मौजूद हैं। वाहनों की लगातार घटती बिक्री के चलते आटो कंपनियां उत्पादन घटा रही हैं। वे अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं और नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर रही हैं। लिक्विडिटी संकट के चलते रीयल एस्टेट सेक्टर पहले से मुश्किल में है। इसके अलावा नियामक के स्तर पर हुए बदलावों ने मांग को कम किया है। 9 सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक साल में बीएसई रियल्टी इंडेक्स 4 फीसदी नीचे गिरा है। 10 सालों में यह इंडेक्स 55 फीसदी तक नीचे फिसल आया है।
कमाई की ग्रोथ में सुस्ती है। लोगों के बीच नौकरी को लेकर सुरक्षा का भाव नहीं है। यह घरों की बिक्री प्रभावित कर रहा है। ऐसे हालातों में लोग नकदी पास रखना मुनासिब मानते हैं। होम लोन भी लंबे समय तक चलता है और सुरक्षित नौकरी में ही उसे चुका पाना सहज होता है।"
शेयर बाजार में भारी गिरावट
सुस्ती का असर शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है। मंगलवार को शेयरों बाजारों में एक बार फिर गिरावट का दौर शुरु हो गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स करीब 650 अंक टूटा, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 10850 से नीचे फिसल गया। दोपहर 2 बजे तक निफ्टी 10,800 के करीब पहुंच गया। वहीं सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। निफ्टी के 50 में से 44 शेयरों में बिकवाली हावी है। वहीं बैंक निफ्टी के सभी 12 शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।