डिफेंस सेक्टर में 74 फीसदी FDI को मंजूरी, लेकिन सरकार ने जोड़ी यह 'शर्त'
नई दिल्ली। कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में डिफेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 74 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा की शर्त जोड़ी गई है। बताया जा रहा है कि इससे जुड़ा बिल 14 सितंबर से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है।
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बीते मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने के फैसले को एक शर्त के साथ मंजूरी दे दी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस नई शर्त में कहा गया है, रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर जांच के अधीन होगा और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले किसी भी विदेशी निवेश की समीक्षा करने का सरकार को अधिकार रहेगा। सूत्रों के मुताबिक इसमें नई शर्त जोड़ने का प्रस्ताव वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रखा था।
आत्मनिर्भर पैकेज की घोषणा के समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिफेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट के तहत एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का ऐलान किया था। भारत में रक्षा क्षेत्र में 70% आयात होता है और भारत में रक्षा निर्माण को बढ़ाना देने के लिए यह फैसला किया गया था। इस क्षेत्र में विदेशी निवेश अधिक नहीं आया है। अप्रैल 2000 से मार्च 2020 के बीच 20 साल में केवल 56.88 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हुआ है, अब निवेश की सीमा बढ़ाने से सरकार को उम्मीद कि निवेश बढ़ेगा।
पिछले कुछ महीनों में सरकार ने भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने की कोशिश के तहत कई सुधार उपाय किए हैं, जिनमें अगस्त में 101 हथियार प्रणालियों के आयात पर रोक लगाने से जुड़ी घोषणा और मई में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जाना शामिल है। इससे पहले जुलाई 2018 में सरकार ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई को ऑटोमैटिक रूट से अनुमति दी गई थी।
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