क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कैशलेस इकॉनमी को लगा झटका,लोगों के पास 18.5 लाख करोड़ की नकदी

Google Oneindia News

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार ने देश को कैशलेस इकॉनमी की दिशा में आने बढ़ाने की कोशिश की। अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मोदी सरकार के कैशलेस इकॉनमी को बड़ा झटका लगा है। एक ओर जहां सरकार लोगों को नकदी से मुक्त बनाने की दिशा में प्रेरित कर रही है तो वहीं वर्तमान में जनता के बीच नकदी का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। आरबीआई द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त देश की जनता के पास 18.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी है, जो कि अब तक का सबसे अधिकतम स्तर है।

 कैशलेस इकॉनमी को झटका

कैशलेस इकॉनमी को झटका

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में लोगों के पास 18.5 लाख करोड़ से ज्यादा की नकदी है। ये आंकड़ा नोटबंदी के दौर की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। नोटबंदी के दौरान लोगों के पास मात्र 7.8 लाख करोड़ की नकदी रह गई थी, लेकिन अब ये 18.5 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। आरबीआई के मुताबिक इस वक्त देश में 19.3 लाख करोड़ की नकदी चलन में है, जबकि नोटबंदी के दौरान ये आंकड़ा घटकर 8.9 लाख करोड़ रुपए था।

 क्या कहती हैं RBI की रिपोर्ट

क्या कहती हैं RBI की रिपोर्ट

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद लोगों ने बैंक में 15.28 लाख करोड़ रुपए की अमान्य मुद्रा जमा करवाएं। ये आंकड़े 30 जून 2017 तक के हैं। वहीं मई 2018 तक लोगों के पास 18.5 लाख करोड़ रुपए की नकदी थी। पिछले साल के मुताबिक ये आंकड़े 31 प्रतिशत अधिक थे। नोटबंदी से पहले लोगों के पास करीब 17 लाख करोड़ रुपए की नकदी थी, जबकि नोटबंदी के बाद ये आंकड़े मात्र 7.8 लाख करोड़ रह गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 1 जून 2018 तक लोगों के पास 19.3 लाख करोड़ रुपए चलन में थे। जबकि 6 जनवरी 2017 तक लोगों के पास 8.9 लाख करोड़ रुपए नकदी थे। आंकड़ों के अध्ययन से सबसे अहम बात जो सामने आई है वो ये कि मई 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार के आने से पहले लोगों के पास 13 लाख करोड़ रुपए की नकदी थी, जबकि अगले साल यानि 2015 में यह बढ़कर 14.5 लाख करोड़ और मई 2016 में यह 16.7 लाख करोड़ हो गई। यानि मोदी सरकार से पहले दो सालों में नकदी में लगातार बढ़ोतरी हुई। नोटबंदी से ठीक पहले अक्टूबर 2016 में लोगों के पास 17 लाख करोड़ से अधिक की नकदी थी, लेकिन नोटबंदी के बाद यह गिर कर 7.8 लाख करोड़ पर पहुंच गई।

 कई राज्यों में नकदी संकट

कई राज्यों में नकदी संकट

लोगों के बीच कैश बैंक में रखने के बजाए घरों में रखने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। लोग बैंक में रखे अपनी जमापूंजी को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में नकदी रखने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इस वजह से देशभर के कई राज्यों में बैंक नकदी संकट से जूझ रहे हैं। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश के कई राज्यों में भारी नकदी संकट देखने को मिला था।

Comments
English summary
Currency with the public has reached a record high of over Rs 18.5 lakh crore, more than double from a low of about Rs 7.8 lakh crore it had hit post-demonetisation decision in late 2016, as per RBI data.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X