अंबानी ने कोरोना काल को यूं बनाया शुभ घड़ी, बढ़ती गई बरकत
नई दिल्ली। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण जहां देस की तमाम कंपनियां घाटे और नुकसान की गिनती कर रही है तो वहीं मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री एक के बाद एक डील कर इस कोरोना काल को मंगल बना रही है। लॉकडाउन के बीच रिलायंस इंडस्ट्री ने न केवल ताबड़तोड़ साझेदारी कर बल्कि अपनी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो को कर्ज मुक्त कर लिया। रिलायंस ने 58 दिनों में एक के बाद विदेशी निवेश हासिल किए और कंपनी को 11 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली पहली कंपनी बना दिया। आइए जानते हैं कि कैसे मुकेश अंबानी ने कोरोना काल को अपने और अपनी कंपनी के लिए शुभ घड़ी में बदल दिया।
Jio का बपंर धमाका, 9 हफ्ते में जियो ने जुटाए 1,15,696.95 करोड़
रिलायंस जियो में ताबड़तोड़ साझेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने 11 लाख करोड़ मार्केट कैप वाली पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने पहली बार 10 लाख करोड़ मार्केट कैप का बेंचमार्क हासिल किया है। इतना ही नहीं कपंनी ने अपने वादे से 9 महीने पहले ही खुद को कर्जमुक्त कंपना बना लिया है। मौजूदा वक्त में आरआईएल का मार्केट कैप 11 लाख करोड़ है। ये कामनामा कंपनी ने ऐसे वक्त में किया जब पूरे देश पर लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण आर्थिक मोर्च पर मंदी की स्थिति बनी हुई है। जहां लॉकडाउन और कोरोना काल के कारण ज्यादातर कंपनियों पर दबाव में है तो वहीं रिलायंस जियो ने एक के बाद एक साझेदारी कर इतिहास रच दिया है।
9 महीने पहले ही कर्ज मुक्त हुई कंपनी
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने महज 58 दिनों में 168,818 करोड़ रुपये का फंड विदेश निवेशों से जुटा दिए हैं। रिलायंस जियो में 10 बड़ी कंपनियों के साथ 11 डीजल की है। कंपनी ने इन निवेशों से कुल 115,693.95 करोड़ रुपए जुटाए हैं। आरआईएल का 53,124.20 करोड़ का राइट्स इश्यू पूरा हो गया। कंपनी के चैयरमैन मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि उनकी कंपनी अब कर्जमुक्त हो गई। टारगेट से 9 महीने पहले ही मुकेश अंबानी की कंपनी ने खुद को कर्जमुक्त कर लिया है। इस कर्जमुक्ति का मतलब है कि कंपनी ने NET लेवल पर रिलायंस पर अब कोई कर्ज नहीं है। कंपनी ने खुद को कर्जमुक्त करने के लिए 31 मार्च 2021 का लक्ष्य था, लेकिन ताबड़तोड़ निवेशों के बाद 9 महीने पहले ही टारगेट को छू लिया।
2025 तक 48 फीसदी मार्केट पर होगा कब्जा
आपको बता दें कि रिलायंस ने मजह 4 सालों में देश की सबसे बड़ी कंपनी का तमगा हासिल कर लिया है। कंपनी ने कोरोना काल में सबसे ज्यादा तेजी से तरक्की की है। वहीं रिलासंय की इस ग्रोथ को देखते हुए बर्नस्टीन (Bernstein) ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो साल 2025 तक भारतीय टेलीकॉम बाजार के 48 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि विदेशी निवेशों से कंपनी ने ग्रोथ की रफ्तार बढ़ा दी है।
2025 तक जियो के पास 57 करोड़ यूजर्स
निदेशी निवेशों से रिलायंस जियो के ग्रोश की रफ्तार तेज होगी। फेसबुक जैसी कंपनियों के साथ करार कर जियो के रिटेल मार्केट को भी बढ़ावा मिलेगा। Bernstein ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत के दूरसंचार बाजार पर रिलायंस जियो का दबदबा है और ये और तेजी से बढ़ेगा। कंपनी कते पास 2025 तक 57 करोड़ से अधिक यूजर्स का डेटाबेस रहने की उम्मीद जताई गई है।
9 हफ्ते में जियो ने जुटाए 1,15,696.95 करोड़
जियो में 22 अप्रैल को फेसबुक ने 43.574 करोड़ के निवेश कर 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी। सिल्वर लेक ने 3 मई को जियो में 1.15 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी। इसके लिए कंपनी ने जियो में 5656 करोड़ का निवेश किया। इसके बाद 8 मई को विस्टा ने 11367 करोड़ रुपए का निवेश कर जियो में 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी। वहीं 17 मई को जनरल अटलांटिक ने 6598 करोड़ रुपए का निवेश कर 1.34 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी। वहीं 22 मई को केकेआर ने 11367 करोड़ रुपए का निवेश कर 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी। जून को जियो ने दो बड़ी साझेदारी की। 5 जून को मुबाडाला और सिल्वर लेक ने जियो में क्रमश 9093 करोड़ और 4547 करोड़ रुपए का निवेश किया। इसके बाद 7 जीन को ADIA ने जियो में 5683 करोड़ का निवेश किया। 13 जून TPG ने 4546 करोड़ रुपए जियो में निवेश किए। वहीं 13 जून को ही जियो ने L Cartterton के साथ 1894 करोड़ रुपए का करार दिया।
दुनिया के अमीरों की लिस्ट में अंबानी का नंबर
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी दुनिया के 10 सबसे अमीर अरबतियों की सूची में शामिल हो गए हैं। अंबानी Forbes की अरबपतियों की रियल टाइम लिस्ट में 9वें स्थान पर हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडेक्स में भी वह नौवें स्थान पर हैं। इस रेस में उन्होंने ओरेकल कॉर्प के लेरी एलिसन और फ्रांस के फ्रैंकोई बेटनकोर्ट मेयर्स को पछाड़ कर अपनी जगह बनाई है।