Coronavirus के खतरे के बीच सरकार शुरू कर सकती है ये खास योजना, हर महीने खाते में पहुंचेंगे रुपये!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Covid-19) का प्रभाव दुनियाभर के कारोबार पर साफ पड़ता दिख रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में प्रवेश कर रही है। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। वायरस के कारण कंपनियों को बंद करने को कहा जा रहा है। ताकि लोगों को वायरस से बचाया जा सके। नौकरीपेशा लोगों से कहा जा रहा है कि वह हो सके तो घर से ही काम करें। लेकिन कई काम ऐसे भी हैं, जिन्हें घर बैठे करना मुश्किल है। जिससे इस तरह के कारोबार को नुकसान होगा लाजमी है। ऐसे में लोगों को नौकरी खोने का डर भी सता रहा है।
यूबीआई के जरिए मदद मिल सकती है
ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income) यानी यूबीआई के जरिए कर सकती है। लाइव मिंट की रिपोर्ट की मानें तो सूत्रों का कहना है कि अगर यूनिवर्सल बेसिक इनकम जैसी स्कीम की शुरुआत भारत में होती है तो ये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का रूप ले सकती है। बता दें प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं।
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यूबीआई की महत्ता को लेकर ट्वीट किया
जिन लोगों ने इसका समर्थन किया है, उनमें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य और ब्रुकिंग्स इंडिया में डायरेक्टर ऑफ रिसर्च शमिका रवि शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को भारत में यूबीआई की महत्ता को लेकर ट्वीट किया है।
क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम?
लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने सबसे पहले 'यूनिवर्सल बेसिक इनकम' का सुझाव दिया था। उन्होंने देश से गरीबी हटाने के लिए अमीर-गरीब, सबको निश्चित अंतराल पर तय रकम देने का विचार पेश किया। उनका मानना है था कि इसका लाभ लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी कमजोर सामाजिक और आर्थिक स्थिति एवं बेरोजगारी का सबूत नहीं देना पड़ेगा।
यूनिवर्सल बेसिक इनकम वो निश्चित आय होती है, जो देश के सभी नागरिकों (गरीब, अमीर, नौकरीपेशा, बेरोजगार) को सरकार से मिलती है। इस तरह की आय के लिए ना कोई पात्रता और ना ही किसी तरह के काम की शर्त होती है। इसके तहत समाज के हर सदस्य के लिए जीवनयापन के लिए न्यूनतम आय का प्रावधान होना चाहिए।
लाखों लोगों की हो सकती है मदद?
इस मामले में कई अर्थशास्त्रियों का ये मानना है कि यूबीआई से लाखों कर्मियों को इस वक्त मदद मिल सकती है। वो लोग इसका लाभ उठा सकते हैं, जो कोरोना के कारण बिना सैलरी के रहने को मजबूर हैं। जिन्हें खुद को घर पर आइसोलेशन में रखना पड़ रहा है। ये हर राज्य में सभी व्यस्कों के लिए बिना शर्त नियमित भुगतान का एक विकल्प है।
उत्तर प्रदेश सरकार करेगी दिहाड़ी मजदूरों की मदद
कोरोना वायरस के कारण दिहाड़ी मजदूर भी प्रभावित हो रहे हैं, जो दिनभर मेहनत करते हैं ताकि रात को खाना नसीब हो सके। लेकिन वायरस के कारण अधिकतर जगहों पर काम ठप पड़े हुए हैं। जिसके चलते इन लोगों का जीवनयापन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई है। जिसमें सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए ऐलान करते हुए कहा कि उनके भरण-पोषण के लिए निश्चित धनराशि मुहैया कराई जाएगी।
मरीजों का मुफ्त में जांच और इलाज
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का मुफ्त में जांच और इलाज कराया जाएगा। इसका जो भी खर्च होगा, वह राज्य सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही उनके अवकाश के दौरान वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
हांगकांग की सरकार देगी पैसे
हांगकांग की सरकार ने कोरोना वायरस के कारण मंदी झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 70 लाख स्थानीय निवासियों को नकद सहायता देने की घोषणा की है। इसके तहत हर स्थानीय नागरिक को 94,720 रुपये (1,280 अमेरिकी डॉलर) की मदद मिलेगी। हांगकांग की अर्थव्यवस्था को भी वायरस के कारण खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। लेकिन इस मदद से लोगों की परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है।
अमेरिकी सरकार जल्द करेगी घोषणा?
कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था और नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। इस योजना के जरिए अमेरिकी कर्मियों को नकद भुगतान मिलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन मेनुचिन ने मंगलवार को अमेरिकी वयस्कों को 1,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 74 हजार रुपये) तक के चेक भेजने का प्रस्ताव दिया है।
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