कोरोना संकट के बीच रिलायंस ने सैलरी में कटौती का किया ऐलान,1 साल तक वेतन नहीं लेंगे मुकेश अंबानी
मुंबई। कोरोना महामारी के बीच भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस ने भी कर्मचारियों के वेतन में कटौती का फैसला लिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने अपने हाइड्रोकार्बन डिवीजन में कुछ कर्मचारियों की सैलरी में 10 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी के बोर्ड के डाइरेक्टरों के साथ टॉप मैनेजमेंट की सैलरी में ज्यादा कटौती होगी। वहीं मुकेश अंबानी भी अपने पूरे साल का 15 करोड़ रुपए का वेतन छोड़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सैलरी में कटौती हाइड्रोकार्बन विभाग के उन सभी कर्मचारियों पर लागू होगी जिनकी सैलरी सालाना 15 लाख रुपए से ज्यादा होगी। जिन कर्मचारियों की सैलरी उससे कम होगी, उन पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक टॉप मैनेजमेंट या बोर्ड में शामिल डाइरेक्टरों की सेलरी में 30 से 50 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। इसके अलावा परफॉर्मेंस आधारित बोनस को भी फिलहाल टाल दिया गया है।
कंपनी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार पर काफी दबाव है। इसलिए हमें अपनी लागत को युक्तिसंगत बनाना होगा और हम सभी क्षेत्रों में लागत कटौती कर रहे हैं। वर्तमान स्थिति की मांग है कि हम अपनी परिचालन लागत और तय लागत हो युक्ति संगत बनाएं और सभी को इसमें योगदान करने की जरूरत है। कोरोना महामारी के कारण कंपनी को यह मौका मिला है कि वह बिजनस प्रॉसेस को दोबारा आर्गनाइज करे।
इसके अलावा कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपनी पूरी सैलरी छोड़ सकते हैं। मुकेश अंबानी अपना पूरा कॉम्पेनसेशन नहीं लेंगे, फिलहाल उनकी सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपए है और 2008-09 के बाद से उन्होंने कोई इंक्रीमेंट नहीं लिया है। इसी 15 करोड़ में उनका भत्ता भी शामिल है जो 4.45 करोड़ रुपए है। जबकि सैलरी में ही 9.53 करोड़ रुपए कमीशन है। इस दौरान मुकेश अंबानी के चचेरे भाई निखिल मेसवानी और हितल मेसवानी की सैलरी में इजाफा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में निखिल को 20.57 करोड़ रुपए और हितल को 19.99 करोड़ रुपए सैलरी मिली है।
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