ब्रिटिश पेट्रोलियम कंपनी 10 हजार कर्मचारियों की करेगी छंटनी
नई दिल्ली। कोरोना की मार दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ है, जिसके चलते करोड़ो लोगों की नौकरी चली गई है। भारत में भी कई कंपनियों की फैक्ट्री में ताला पड़ गया है, जिसके चलते लोगों का रोजगार छिन गया है। इस बीच दुनिया की छठी सबसे बड़ी तेल और गैस की कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह 15 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगी। कंपनी के सीईओ बर्नार्ड लूनी ने कहा कि हम तेल-गैस को रीन्यूबल एनर्जी में बदल रहे हैं, जिसके चलते 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी। बता दें कि मौजूदा समय में कंपनी के पास कुल 70000 कर्मचारी हैं।
इस बाबत लूनी ने एक बयान जारी करके जानकारी दी है, जिसमे उन्होंने कहा कि हम इस प्रक्रिया को शुरू करने जा रहे हैं, जिसके चलते तकरीबन 10000 लोगों को कंपनी से बाहर जाना होगा, यह प्रक्रिया इस वर्ष के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। जानकारी के अनुसार जिन लोगों को कंपनी से बारर किया जाएगा, उसमे अधिकतर वरिष्ठ अधिकारी होंगे, फ्रंटलाइन कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। लूनी ने कहा है कि कंपनी अपने खर्चों में आगे भी कमी कर सकती है। बता दें कि 2021 में कंपनी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सैलरी में बढ़ोतरी नहीं दे रही है, कंपनी का कहना है कि इस साल सैलरी बोनस नहीं मिलेगा।
बता दें कि भारत में कई बड़ी कंपनियां बंद हो गई हैं। देश की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी एटलस ने साहिबाबाद में साइट-4 स्थित अपनी फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी। कंपनी के मैनेजमेंट ने नोटिस में लिखा, 'कंपनी के पास रोजमर्रा के सामान खरीदने तक के भी पैसे नहीं हैं। इसलिए सभी को ले ऑफ किया जाता है।' नोटिस में यह भी लिखा था कि जब तक कि धन नहीं जुटा लेते तब तक कच्चा माल खरीदने में भी असमर्थ हैं। ऐसे में हम फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं एटलस के बाद साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में 40 साल पुरानी ऑटो गियर फैक्ट्री अस्थाई तौर र बंद हो गई है। गाजियाबाद में एक और फैक्ट्री ने 'ले-ऑफ' का नोटिस लगा दिया है।