फरवरी में 4 महीने के उच्च स्तर 2.57% पर पहुंची खुदरा मुद्रास्फीति
नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में चार महीने के उच्च 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से उच्च खाद्य कीमतों से प्रेरित है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में 1.97 प्रतिशत और फरवरी 2018 में 4.44 प्रतिशत थी। इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन दर में कमी देखने हो गई।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा 12 मार्च को जारी नवीनतम मूल्य आंकड़ों से पता चला है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति(जो कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में बदलाव को मापती है) RBI के 4 प्रतिशत के लक्षित स्तर के भीतर बनी रहेगी। फरवरी 2019 में फूड प्राइस इंडेक्ट निगेटिव 0.66 फीसदी रहा। वहीं सब्जियों की महंगाई निगेटिव 7.69 फीसदी रही। जनवरी में ये निगेटिव 13.3 फीसदी थी। अनाजों की महंगाई फरवरी में बढ़ी है। फरवरी में अनाज की महंगाई 0.8 फीसदी से बढ़कर 1.32 फीसदी हो गई। दालों की महंगाई निगेटिव 3.82 फीसदी रही।
औद्योगिक उत्पादन की सुस्ती के चलते इंडस्ट्रियल आउटपुट (Industrial output) को तगड़ा झटका लगा, जिसकी ग्रोथ जनवरी 2019 में घटकर 1.7 फीसदी रह गई। एक साल पहले इस महीने में आईआईपी (IIP) ग्रोथ 7.5 फीसदी रही थी। 2018-19 में अप्रैल से जनवरी के बीच औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ रेट 4.4 फीसद रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.1 फीसद रही थी।
बता दें कि, रॉयटर्स के पोल में विश्लेषकों ने फरवरी महीने में महंगाई के बढ़ने का अनुमान लगाया था। पोल में कहा गया था कि फरवरी महीने में महंगाई में मामूली इजाफा होगा, लेकिन यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तय किए गए लक्ष्य से नीचे ही रहेगी। पोल के मुताबिक जनवरी के 2.05 फीसद महंगाई के मुकाबले फरवरी में इसके 2.43 फीसद रहने की उम्मीद जताई गई थी।
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