सरकारी सूत्रों का दावा- जीडीपी को बरकरार रखने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होगा केंद्र
नई दिल्ली। केंद्र सरकार सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 फीसदी तक रखने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। अंग्रेजी चैनल NDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के साढ़े तीन प्रतिशत तक रखने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक अभी इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि राजकोषिय घाटा कितना होगा।
सरकार की तरफ से अगस्त में जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 के एनुअल टारगेट पार कर गया। जुलाई माह के अंत में राजकोषीय घाटा 8.21 लाख करोड़ रुपये थे जो इस वित्त वर्ष के बजटीय लक्ष्य को 103.1 प्रतिशत है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यम अर्थव्यवस्था के शीघ्र पटरी पर लौटने के अधिक आशान्वित है। उनका कहना है कि भारत से कोरोना वायरस खत्म होते ही भारतीय अर्थव्यवस्था में अंग्रेजी के अक्षर वी के आकार की तेजी से सुधार होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि अर्थव्यवस्था में अंग्रेजी के डब्लू आकार में सुधार होने की संभावना है। रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि अर्थव्यवस्था में पहले सुधार होगा फिर गिरावट आएगी तथा उसके पश्चात अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकेगी अर्थात अर्थव्यवस्था के वर्ष 2019-20 के स्तर पर लौटने में एक साल से अधिक समय लगेगा।
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