मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, देश में रह जाएंगे सिर्फ 5 सरकारी बैंक, इन बैंकों में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार!
सरकार की बड़ी तैयारी,देश में रह जाएंगे सिर्फ 5 सरकारी बैंक, इन बैंकों में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर को लेकर मोदी सरकार बड़ा फैसला कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने लिए तैयारी शुरू कर दी है। सरकार सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार देश के आधे से ज्यादा सरकारी बैंकों के निजीकरण की योजना बना रही है। सरकार के इस फैसले के बाद देश में सिर्फ 5 सरकारी बैंक रह जाएंगे। जहां अभी 12 सरकारी बैंक हैं, वहां सरकारी बैंकों की संख्या घटकर मात्र 5 रह जाएगी।
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12 से घटाकर मात्र 5 सरकरी बैंक करने की तैयारी
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार आने वाले समय में देश में मात्र 5 सरकारी बैंक रखने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार बैंकिंग इंडस्ट्री की हालत सुधारने के लिए ऐसा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि सरकार बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बेचने और निजीकरण की ओर बढ़ने का फैसला का फैसला ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इसे योजनाबद्ध तरीके से करेगी। आपको बता दें कि कोरोना संकट काल में सरकार आर्थिक मुश्किल से निपटने के लिए नॉन-कोर सेक्टर और कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर पूंजी जुटाने की योजना बना रही है। इसके लिए लंबे समय से विचार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
इन बैंकों में के निजीकरण का लिया जा सकता है फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस फैसले के पहले चरण में बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक , बैंक ऑफ महाराष्ट्र ,पंजाब एंड सिंध बैंक में अपनी हिस्सेदारी को बेच सकती है। सरकार देश में सरकारी बैंकों की संख्या को 12 से घटाकर 4 या 5 रखना चाहती है। इसके लिए सरकार प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूनियन को सरकारी बैंक के तौर पर रख सकती है।
हाल ही में 10 सरकारी बैंकों के हुआ था विलय
आपको बता दें कि सरकार ने हाल ही में 10 सरकारी बैंकों के विलय का फैसला लिया था,जिसमें 10 सरकारी बैंकों के विलय से 4 सरकारी बैंक बनाए गए। आपको बता दें कि 1 अप्रैल को सरकार ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नैशनल बैंक में विलय करने का फैसला कियाष वहीं सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक में विलय का निर्देश दिया गया। जबकि आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय करवाया गया। जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में करने का फैसला किया गया।