GST के 2 साल पूरे होने पर अरुण जेटली ने लिखा ब्लॉग,'रेवेन्यू बढ़ने पर हो सकती हैं 2 दरें'
नई दिल्ली। जीएसटी की दूसरी सालगिरह पर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग के जरिए अपनी बात कही है। अरुण जेटली ने लिखा कि रेवेन्यू बढ़ने पर जीएसटी के 12% और 18% के स्लैब मर्ज किए जा सकते हैं। उन्होंने लिखा कि राजस्व में वृद्धि के साथ देश में जीएसटी की दो दरें हो सकती हैं। अरुण जेटली ने सिंगल स्लैब जीएसटी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ऐसी व्यवस्था केवल वहीं संभव है, जहां गरीब लोग न रहते हो।
जीएसटी के दो साल पूरे होने पर अरुण जेटली ने ब्लॉग में लिखा कि जैसे-जैसे राजस्व में वृद्धि होती है, 12% और 18% स्लैब को एक दर में विलय करने के लिए अवसर मिलेंगे। इस तरह जीएसटी में दो दर हो सकती हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद ये जेटली का पहला ब्लॉग है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत में जीएसटी की एक दर नहीं हो सकती है।
अरुण जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं से जुड़ी ज्यादातर वस्तुएं 18%, 12% और 5% के स्लैब में लाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा की जीएसटी लागू होने के बाद से जीएसटी काउंसिल ने कई बार टैक्स की दरें घटाईं, जिससे सरकार को 90 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ। उन्होंने कहा कि लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं को छोड़कर 28% का स्लैब लगभग खत्म हो चुका है।जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि अलग-अलग श्रेणियों में टैक्स की दरें एकदम घटाने से भारी राजस्व का घाटा हो सकता था। इसलिए इसे चरणबद्ध तरीके से किया गया। गौरतलब है कि 1 जुलाई 2017 को 17 स्थानीय टैक्स खत्म कर देशभर में जीएसटी लागू किया गया था।
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