CAIT ने की वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील कैंसिल करने की मांग, केस दर्ज
नई दिल्ली। साल 2018 के मई महीने में देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में सबसे बड़े अधिग्रहण के जरिये अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट का प्रवेश हुआ। अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने देसी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी खरीदकर फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया,लेकिन इस डील को लेकर देशभर के व्यापारी विरोध कर रहे हैं। Walmart-Flikpkart डील के खिलाफ ट्रेडर्स एसोसिएशन लगातार विरोध प्रदर्शन और अपना आक्रोश जता रहे हैं।
क्या है वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील
आपको बता दें कि अमेरिकी कंपनी ने देशी ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदी है। इस सौदे के बाद फ्लिपकार्ट के सह संस्थापक सचिन बसंल अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर हो चुके हैं, जबकि बिन्नी बंसल कंपनी में बने हुए हैं।
आखिर ट्रेडर्स क्यों कर रहे हैं विरोध
भारतीय ट्रेडर्स का कहना है कि वॉलमार्ट भले ही देश में ऑनलाइन मार्केट के जरिए एंट्री कर रही है, लेकिन उन्हें आशंका है कि ये आगे चलकर वह ऑफलाइन बाजार में आएगी। वॉलमार्ट के आने से भारतीय रिटेलर्स के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड बराबर का नहीं रहेगा और वे कॉम्पिटीशन में पिछड़ जाएंगे। उनका बिजनेस बर्बाद हो जाएगा। इससे देशभर के लगभग 3 करोड़ रिटेलर्स को नुकसान होने वाला है। वहीं भारत के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सेगमेंट के रिटेलर्स को मिलाकर कुल 40 लाख करोड़ रुपए सालाना कारोबार होता है, लेकिन इस डील के बाद 20 लाख करोड़ के बिजनेस का नुकसान होगा। इस डील से 5-6 लाख लोगों की नौकरी पर खतरा मंडराएगा।