विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली। बैड लोन और घाटे से जूझ रहे तीन सरकारी बैंकों के विलय का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के वियल को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब कागजी कार्यवाही होगी, जिसके बाद तीनों बैंक का विलय कर दिया जाएगा। इस विलय के बाद ये SBI और आईसीआईसीआई के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 6 बैंकों के विलय को मंजूरी दी गई थी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2018 में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी। जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा आईडीबीआई , ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और सेंट्रल बैंक (सीबीआई) के विलय पर विचार कर रही थी,लेकिन आज तीन बैंकों के विलय पर अंतिम सहमति बन गई।
देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय को मिली मंजूरी
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा ने बुधवार को विजया बैंक और देना बैंक का खुद के साथ विलय के लिये शेयरों की अदला-बदली अनुपात को अंतिम रूप दे दिया है। इसके मुताबिक विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे। जबकि देना बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे।
SBI में 6 बैंकों का विलय
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार एसबीआई के पांच सहायक बैंक और भारतीय महिला बैंक को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय कर चुकी है। सरकार सरकारी बैंकों के लगातार बढ़ते एनपीए को कम करने के लिए सरकार बैंकों के एकीकरण की कोशिशों में जुटी है। मौजूदा वक्त में देश की बैंकिंग व्यवस्था का कुल एनपीए 10 लाख करोड़ रुपए के आंकड़ें को पार कर चुका , जिसे कम करने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है।